महाकुम्भ में कुल 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान,भीड़ प्रबंधन में वरदान साबित हो रहा आईसीसीसी

महाकुम्भ में कुल 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान,भीड़ प्रबंधन में वरदान साबित हो रहा आईसीसीसी

महाकुम्भनगर (उप्र), 17 जनवरी (भाषा) प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ में मात्र छह दिनों के अंदर सात करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और पूज्य साधु-संतों ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई है और एक आधिकारिक बयान के अनुसार उप्र सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुम्भ में कुल 45 करोड़ से भी ज्यादा लोग आएंगे।

इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा महाकुम्भ पुलिस के लिए भले ही एक बड़ी चुनौती है, लेकिन मेला क्षेत्र में स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) भीड़ प्रबंधन के लिहाज से वरदान साबित हो रहा है।

इसके माध्यम से न सिर्फ मेला क्षेत्र में आ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है बल्कि कई तरह के सर्विलांस में भी यह मददगार बन रहा है।

महाकुम्भ के पहले दिन पौष पूर्णिमा स्नान पर्व और मकर संक्रांति के अमृत स्नान पर भारी भीड़ को सुनियोजित तरीके से नियंत्रित करने में आईसीसीसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आईसीसीसी के प्रभारी एसपी अमित कुमार ने बताया कि यहां पर 2750 कैमरे लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से न सिर्फ मेला क्षेत्र में बल्कि पूरे शहर क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। तीन कोण से निगरानी की जा रही है, पहला है सुरक्षा, दूसरा प्रबंधन और तीसरा है अपराध।

उन्होंने बताया कि “हमारे पास जो कैमरे हैं उनसे हम सर्विलांस,भीड़ प्रबंधन और अग्निशमन जैसे तमाम पहलुओं पर नजर रख पा रहे हैं।”

कुमार ने कहा “भीड़ प्रबंधन के लिए हम लोग भीड़ के प्रवाह की निगरानी कर रहे हैं कि किस तरफ से कितनी भीड़ आ रही है और इसको किस प्रकार से नियंत्रित करना है। भीड़ के प्रवाह के माध्यम से यह जानने की कोशिश करते हैं की भीड़ का दबाव कहां ज्यादा है और हम उसको वहां से किस ओर बढ़ा सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “यह काफी कारगर तकनीक है। हमें यहां से नियमित निगरानी करनी पड़ती है कि ताकि पता चल सके कि कहीं किसी एक स्थान पर भीड़ का घनत्व ज्यादा तो नहीं हो गया है।”

अमित कुमार ने कहा, “इसके अलावा हम कैमरों से आग पर भी नजर रख रहे हैं। यह पता करते हैं कि कहीं धुआं या आग की लपट तो नहीं है। इसके अलावा पार्किंग क्षेत्र की भी इसके जरिये निगरानी की जा रही है।’’

उन्होंने कहा, “हर पार्किंग क्षेत्र में कैमरे लगाए गए हैं जो बताते हैं कि कौन सा पार्किंग क्षेत्र कितनी खाली या भरा है। जब कोई पार्किंग क्षेत्र भर जाता है, तो हम उसको बंद करके दूसरे पार्किंग क्षेत्र को सक्रिय करते हैं। सबसे पहले हम पास के पार्किंग क्षेत्र को भरते हैं जिससे स्नानार्थियों को कम से कम चलना पड़े। इसके बाद हम उससे आगे की ओर बढ़ते हैं।”

उन्होंने बताया कि सात मुख्य मार्ग हैं जो प्रयागराज को अन्य शहरों से जोड़ते हैं, इसको देखते हुए सभी दिशाओं में इस तरह की पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित कैमरा की उपयोगिता पर उन्होंने कहा, ‘‘एआई कैमरों से निर्णय लेने में काफी मदद मिलती है, लेकिन हम पूरी तरह इन पर निर्भर नहीं हैं। यह हमारी क्षमता को निश्चित रूप से बढ़ाते हैं, क्योंकि इससे पहले इतने बड़े पैमाने पर भीड़ का प्रबंधन नहीं किया गया था। हमारे बल संस्थागत रूप से प्रशिक्षित हैं, लेकिन डेटा आधारित साक्ष्य के होने से हमें अपने कौशल को और बेहतर करने में मदद मिलती है।