वडोदरा : उत्तरायण में 346 पक्षियों को पशुपालन विभाग एवं स्वयंसेवी संगठनों के पशु चिकित्सकों ने बचाया 

साइबेरिया से वडोदरा पहुंचा एक हंस भी नुकीली रस्सी से घायल हो गया

वडोदरा : उत्तरायण में 346 पक्षियों को पशुपालन विभाग एवं स्वयंसेवी संगठनों के पशु चिकित्सकों ने बचाया 

वडोदरा शहर व जिले में उत्साह व हर्षोल्लास के साथ मनाए गए मकर संक्रांति पर्व पर एक ओर जहां लोगों ने आसमान में पतंगबाजी का आनंद लिया, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार के करुणा अभियान के तहत 281 पक्षियों का वन विभाग व पशुपालन विभाग द्वारा उपचार किया गया। 

उत्तरायण पर्व को ध्यान में रखते हुए पूरे राज्य में करुणा अभियान चलाया गया। जिसमें वडोदरा शहर के कमाटी बाग स्थित एनिमल रेस्क्यू सेंटर में 10 से 14 जनवरी तक 376 घायल पक्षियों को इलाज के लिए लाया गया था। इनमें से 346 पक्षियों को पशुपालन विभाग और स्वयंसेवी संगठनों के पशु चिकित्सकों द्वारा बचाया गया। जबकि, 30 पक्षियों की मृत्यु हो गई, जिनमें से अधिकांश कबूतर थे।

साइबेरिया जैसे ठंडे प्रदेशों से अस्थायी रूप से वडोदरा जिले में शीत ऋतु बिताने के लिए आने वाले हंस भी पतंग के मांझे का निशाना बन गए। खुले आसमान में उड़ते समय वह वडोदरा शहर के गोत्री इलाके में पतंग की डोर से घायल हो गए और नीचे गिर गए। जिसका उपचार कर उसे एनिमल रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। अच्छी बात यह रही कि उसके पंख को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा। इसे उड़ने के लिए स्वतंत्र स्थान पर रखा गया है।

इस उत्तरायण में शाहीन फाल्कन (बाझ) भी घायल हो गई हैं। पिछले दस उत्तरायण की संख्या पर नजर डालें तो पतंग की डोर से घायल होने वाला यह छठा शाहीन फाल्कन (बाझ) है। शाहीन फाल्कन आकाश में बहुत ऊंचाई पर उड़ता है और आमतौर पर 390 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ सकता है। यह किसी अन्य पक्षी का शिकार करने के लिए तेज़ गति से ज़मीन की ओर आता है। ऐसे में यदि वह मांझे से घायल होकर जमीन पर गिरकर घायल हो जाता है, तो उसके शरीर के अन्य भागों में घायल होने (चोट लगने) की अधिक संभावना रहती है। इससे बचने की संभावना कम हो जाती है। लेकिन इस बार शाहीन फाल्कन के बाएं पंख में चोट लगी है। शरीर के अन्य भागों में कोई चोट नहीं आई, जिससे यह फिर से उड़ सकता है। 

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