छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों के वाहन को उड़ाया; आठ जवान समेत नौ लोगों की मृत्यु

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों के वाहन को उड़ाया; आठ जवान समेत नौ लोगों की मृत्यु

बीजापुर, छह जनवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को नक्सलियों ने एक वाहन को बारूदी सुरंग से उड़ा दिया, जिसमें जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आठ जवान और एक चालक की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पिछले दो वर्षों में राज्य में सुरक्षा बलों पर माओवादियों का यह सबसे बड़ा हमला है।

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने बताया कि कुटरू थाना क्षेत्र के अंबेली गांव के पास दोपहर करीब 2.15 बजे नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर एक वाहन को उड़ा दिया। यह घटना तब हुई जब दंतेवाड़ा जिले के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान नक्सल विरोधी अभियान के बाद अपनी एसयूवी कार से लौट रहे थे।

अधिकारी ने बताया कि सभी आठ डीआरजी जवानों और वाहन चालक की मौके पर ही मौत हो गई।

डीआरजी राज्य पुलिस की एक इकाई है और इसमें ज्यादातर स्थानीय आदिवासियों और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को भर्ती किया जाता है।

आईजी ने बताया कि घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेजा गया है और शवों को बाहर निकाला जा रहा है।

सुंदरराज ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया है।

आईजी ने कहा कि ये डीआरजी जवान नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमाओं पर सुरक्षा कर्मियों की संयुक्त टीमों द्वारा तीन दिनों तक चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान में शामिल थे।

उन्होंने बताया कि तीन दिनों तक चले अभियान में पांच नक्सली मारे गए और डीआरजी का एक हेड कांस्टेबल शहीद हो गया।

अधिकारी ने बताया कि अभियान के बाद दंतेवाड़ा से डीआरजी के जवान अपने बेस पर लौट रहे थे, तभी कुटरू इलाके में यह हमला हुआ। जिस इलाके में विस्फोट हुआ वह राजधानी रायपुर से करीब 400 किलोमीटर दूर है।

अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल में एक बड़ा गड्ढा हो गया है, जो 10 फुट से ज्यादा गहरा है। उनके मुताबिक, हमले में वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया तथा वाहन का एक हिस्सा पास के एक पेड़ पर भी लटका हुआ देखा गया।

दक्षिण बस्तर क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) कमलोचन कश्यप ने बताया कि पुलिस को संदेह है कि नक्सलियों द्वारा वाहन को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल की गई शक्तिशाली बारूदी सुरंग 60-70 किलोग्राम वजन की थी और इसे बहुत पहले लगाया गया था। हालांकि, फोरेंसिक कर्मी घटनास्थल की जांच कर रहे हैं।

उन्होंने बताया, "प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि बारूदी सुरंग पुरानी थी और इसे बहुत पहले लगाया गया था क्योंकि इससे जुड़ा तार जमीन के काफी नीचे फंस गया था और इसके ऊपर मिट्टी की परत पर घास उग आई थी।"

अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल की तलाशी के दौरान, लगभग 150 मीटर लंबा तार बरामद किया गया जो बारूदी सुरंग से जुड़ा था।

घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में जारी नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली हताश हैं और इसलिए इस तरह की कायरतापूर्ण हरकत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।

साय ने कहा, “बीजापुर जिले के कुटरू में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में आठ जवानों और एक चालक की शहादत की खबर बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएं शहीदों के परिवारों के साथ हैं। मैं ईश्वर से शहीद जवानों की आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवारों को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “बस्तर में जारी नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली हताश हैं और हताश होकर उन्होंने इस तरह की कायरतापूर्ण हरकत की है। जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। इस खतरे को खत्म करने की हमारी लड़ाई मजबूती से जारी रहेगी।”

छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में दंतेवाड़ा सहित सात जिलों में सुरक्षा बलों पर पहले भी बारूदी सुरंग का इस्तेमाल कर कई हमले हो चुके हैं।

पिछली बड़ी घटना में 26 अप्रैल, 2023 को हुई थी जब पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे काफिले में शामिल वाहन को नक्सलियों ने उड़ा दिया था जिसमें 10 पुलिस कर्मियों और एक चालक की मौत हो गई थी।