मेलबर्न : गावस्कर ने कहा, कोहली को हल्के में नहीं छोड़ा गया

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने सजा को कम बताया

मेलबर्न : गावस्कर ने कहा, कोहली को हल्के में नहीं छोड़ा गया

मेलबर्न, 27 दिसंबर (भाषा) भारत के महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने दावा किया कि विराट कोहली के साथ कोई विशेष व्यवहार नहीं किया गया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के कुछ पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि बॉक्सिंग डे टेस्ट में पदार्पण कर रहे सैम कोंस्टास के साथ शारीरिक टकराव की घटना को हल्के में लिया गया।

कोहली और टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले सैम कोंस्टास के बीच चौथे टेस्ट के पहले दिन बृहस्पतिवार को मैदान पर झड़प हो गई जिसके लिए भारतीय क्रिकेटर पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया और उनके खाते में एक डिमेरिट अंक जोड़ा गया।

उन्नीस साल के कोंस्टास ने हालांकि  पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा कि कोहली जानबूझकर उनसे नहीं टकराये थे । उन्होंने कहा ,‘‘ विराट कोहली गलती से मुझसे टकरा गए । यह क्रिकेट है और तनाव में ऐसा हो जाता है ।’’

यह टकराव शुक्रवार को भी चर्चा का विषय बना रहा और गावस्कर ने कोहली के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की आलोचना की। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने कोहली लिए कड़ी सजा की मांग की थी।

गावस्कर ने उन दावों को खारिज करते हुए टिप्पणी की, ‘‘आप किसी की जेब काटने के लिए किसी व्यक्ति को फांसी नहीं दे सकते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह रकम के मामले में मामूली सजा है। ये सभी खिलाड़ी काफी अधिक वेतन पाने वाले पेशेवर हैं। ऐसे में कोई भी रकम शायद कम लगे। आप यह कह सकते हैं कि हम जो देखते हैं और अनुभव करते हैं उसके कारण सजा हो सकती है लेकिन यह आईसीसी द्वारा अधिकतम तय सजा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा नहीं है कि उन पर कोई एहसान किया गया है। उनकी सजा में अगर 10 प्रतिशत कम रकम होती तो आप कह सकते थे कि कोई उपकार हुआ है।’’

गावस्कर ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलियाई मीडिया अपनी टीम के लिए 12वें या 13वें खिलाड़ी की तरह काम करता है, जिसे भी वह अपनी टीम के लिए खतरा मानता है, उसे निशाना बनाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वे कह रहे हैं कि कोहली को एक छोटे से अपराध के लिए फांसी दी जानी चाहिए और वह इसलिए बच गया क्योंकि उसका रूतबा बहुत बड़ा है।’’

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का हालांकि मानना है कि कोहली को कम सजा दी गयी।

पोंटिंग ने ‘चैनल 7’ पर कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से, मुझे नहीं लगता कि यह सजा पर्याप्त कठोर था। ऐसी मिसालें हैं, अतीत में चीजें हुई हैं और यह आम तौर पर 15-25 प्रतिशत ठीक रही है, लेकिन यह बड़ी घटना थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुनिया भर में पूरे साल भर में क्रिकेट का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला दिन था। सोचिए अगर इस स्तर पर ऐसा होता है तो इसके क्या परिणाम होंगे? मुझे लगता है कि लोग सोचेंगे कि यह अब लगभग स्वीकार्य है।’’

पूर्व दिग्गज मार्क वॉ ने भी ‘फॉक्स स्पोर्ट्स’ के लिए कमेंट्री के दौरान ऐसे ही विचार साझा किये।

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘ आप इस तरह के मामलों में तय सजा को बदल नहीं सकते हैं। विराट कोहली इस मामले को पीछे मुड़कर देखेंगे और कहेंगे, ‘मैंने गलत काम किया है’। मुझे लगता है कि यह जुर्माना बेहद कम है।’’

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सख्ती से नहीं निपटा गया तो ऐसी घटनाओं क्रिकेट में आम हो सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि वह भाग्यशाली है कि निलंबन से बच गये। अगर उस पर जुर्माना लगा है तो कम से कम 75 प्रतिशत जुर्माना होना चाहिए था। 20 प्रतिशत कुछ भी नहीं है। इसमें कोई शक नहीं कि सैम कोंस्टास ने भारतीयों को हैरत में डाल दिया था।’’

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कोच जस्टिन लैंगर ने ‘क्रूर’ होने के लिए ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की आलोचना की।

उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया, चाहे ऑस्ट्रेलिया में हो या कहीं और, क्रूर हो सकता है। वे हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं और यह कोई अलग बात नहीं है। मैंने इसे प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया है। यह विशेष रूप से भारत या कोहली के बारे में नहीं है। यह मीडिया के काम करने के तरीके को दिखाता है।’’

गावस्कर ने इसके साथ ही पिछले एक साल में तीन समान घटनाओं का हवाला देते हुए कोहली की सजा का बचाव किया।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दिसंबर में आयरलैंड के जोश लिटिल पर एक मैच में  बल्लेबाज के साथ शारीरिक संपर्क के लिए मैच फीस का पांच प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था। इस मैच में एंडी पाइक्राफ्ट ही रेफरी थे।

उन्होंने कहा, ‘‘जसप्रीत बुमराह को इंग्लैंड के ओली पोप के साथ शारीरिक संपर्क के लिए फटकार लगाई गई थी और नेपाल के अर्जुन कुमार को दोबारा अपराध के लिए दंड का सामना करना पड़ा। कोहली को (नियमों के तहत) अधिकतम सजा मिली है।’’