अरुणाचल प्रदेश का साल 2024: राजनीतिक बदलाव से लेकर देह व्यापार के काले अध्याय का करना पड़ा सामना

अरुणाचल प्रदेश का साल 2024: राजनीतिक बदलाव से लेकर देह व्यापार के काले अध्याय का करना पड़ा सामना

(उत्पल बोरूआ)

ईटानगर, 22 दिसंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश की राजनीति में साल 2024 में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक साथ हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। भाजपा ने राज्य के 60 निर्वाचन क्षेत्र में से 43 पर जीत हासिल कर लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखी।

अरुणाचल प्रदेश को राजनीतिक बदलाव के साथ-साथ बड़े पैमाने पर हुए देह व्यापार के घटनाक्रमों के काले अध्याय से भी गुजरना पड़ा। देह व्यापार की इन घटनाओं में बड़े पैमाने पर नाबालिगों को निशाना बनाया गया था।

अरुणाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारा झटका लगा। उसने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और मात्र एक ही सीट जीत पाई।

राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भाजपा की सफलता का श्रेय राष्ट्रीय जनतांत्रिचक गठबंधन (राजग) सरकार के तहत शुरू की गईं विकास संबंधी पहलों को दिया। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नबाम तुकी ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि पार्टी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ती रहेगी।

भाजपा अरूणाचल की दोनों लोकसभा सीट जीतने में भी सफल रही।

राजनीति के अलावा, अरुणाचल प्रदेश में 2024 में बड़े पैमाने पर हुए देह व्यापार का भी भंडाफोड़ हुआ है। पीड़िताओं द्वारा बहादुरी दिखाने से अगस्त में इस मामले का खुलासा हुआ, जिसके बाद पुलिस ने कथित तौर पर कई सालों से इस गिरोह में शामिल नौ लोगों को गिरफ्तार किया।

अरुणाचल प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एपीएससीपीसीआर) ने राज्य सरकार से नाबालिग लड़कियों से संबंधित देह व्यापार मामले में कथित संलिप्तता के लिए एक पुलिसकर्मी सहित राज्य सरकार के तीन कर्मचारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने और उनकी सेवाएं समाप्त करने की सिफारिश की थी।

इस देह व्यापार की मुख्य आरोपी स्वास्थ्य विभाग की कर्मी छाया डुलोम और जल संसाधन विभाग में सर्वेक्षक पद पर तैनात उसका पति डेविड डुलोम था। इन पर युवतियों को देह व्यापार में धकेलने का आरोप था।

अरुणाचल प्रदेश के लोअर सुबनसिरी जिले के ज़ीरो में अगस्त में अंतरराज्यीय देह व्यापार गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था, जिसमें दो नाबालिगों सहित चार पीड़ितों को बचाया गया।

अरुणाचल पुलिस ने मई में असम के धेमाजी से पांच नाबालिग लड़कियों की तस्करी करने वाले एक और गिरोह का पर्दाफाश किया था। इसके बाद तस्करों और दलालों सहित 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

उत्तर पूर्वी राज्य को लोगों के विरोध प्रदर्शनों का भी सामना करना पड़ा। सियांग और अपर सियांग जिलों के स्वदेशी समुदायों ने पर्यावरण और सांस्कृति का मुद्दा उठाते हुए प्रस्तावित 12,500 मेगावाट की सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना (एसयूएमपी) का विरोध किया।

इसके अलावा, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने शि योमी जिले में दो जलविद्युत परियोजनाओं 186 मेगावाट की टाटो-1 और 240 मेगावाट की हीओ परियोजना के लिए 3,689 करोड़ रुपये के निवेश को इस साल मंजूरी दी थी। इन परियोजनाओं का उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश की विद्युत आपूर्ति को मजबूत करना था।

राज्य का विद्युत विभाग संभालने वाले उपमुख्यमंत्री चौना मीन ने 2025 और 2027 के बीच शुरू होने वाली 11 प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की योजना की घोषणा की।

पिछले चार साल तक विवादों में घिरे रहे अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (एपीपीएससी) ने 15 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (एपीपीएससीई) की प्रारंभिक परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित की। साल 2020 में परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो गया था और लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया था, जिससे आयोग की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े हो गए थे।

(यह खबर समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की ऑटो जनरेटेड न्यूज फिड से सीधे ली गई है और लोकतेज टीम ने इसमें कोई संपादकीय फेरबदल नहीं किया है।)