सूरत : शांति के समान जग में कोई तीर्थ नहीं : अनुभव दासजी महाराज 

जाजू परिवार द्वारा आयोजित पांच दिवसीय सत्संग समारोह सम्पन्न

सूरत : शांति के समान जग में कोई तीर्थ नहीं : अनुभव दासजी महाराज 

राम स्नेही संप्रदाय के संत अनुभव दासजी महाराज ने पांच दिवसीय सत्संग में कहा कि शांति के समान जग में कोई तीर्थ नहीं है। पहले शांति सरोवर में डुबकी लगाए, फिर प्रभु का ध्यान करें। यहां शांति सरोवर का तात्पर्य विपरीत परिस्थिति में भी अपने आपको शांत रखना है। शांति के समान तप, तीर्थ, पूजा, ध्यान कुछ भी नहीं है। जीव के अशांत होने पर चित्र, मति, बुद्धि, अहंकार प्रभावित होता है। जीव का आचार-विचार ही उसके उत्थान-पतन का कारण होता है। इसलिए कहा जाता है कि प्रत्येक जीव को हरि का स्मरण यानी भजन हर पल करना चाहिए। गुरु, हरि, जगत इन तीनों से जीव को डरना चाहिए। इनके भय से जीव अपराध यानी पाप कर्म से बचता रहता है। 

 महाराजजी ने कहा कि भक्ति के लिए भगवान ने कई रास्ते बताए हैं। उसकी प्राप्ति नहीं होने पर जीव छटपटाता है, तड़पता है। प्रत्येक जीव अपने आनंद परमानंद के लिए कार्य करता है, लेकिन अज्ञानता बस उस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता। यही कारण है कि जीव जीवन भर भटकता रहता है। शास्त्रों ने परमानंद की शोभा गाई है, जहां एक ऐसा पद है वह मिल जाने के बाद जीव वापस नहीं आता। जीव भक्ति करने के लिए लालायित रहता परंतु हरि विमुख होने से माया का प्रभाव अधिक होने से जीव उससे पार नहीं पाता। प्रत्येक जीव अपने भले बुरे कर्मों के प्रारब्ध के अनुसार सुख-दुख प्राप्त करता है।

महाराजजी ने कहा कि जब भी जीव उलझन में पड़ता है तो भगवान संतों के माध्यम से उसके उद्धार का मार्ग प्रशस्त करते हैं। गुरु रूप में संत के वचनों या उनके बताए हुए मार्ग का अनुसरण करने से जीव का कल्याण हो जाता है। प्रत्येक जीव अपनी कामनाओं एवं वासनाओं के कारण ही विविध योनियों में भटकता रहता है। अंतिम समय में जीव का मन जहां जाता है उसी योनी में उसका जन्म होता है। उन्होंने कहा कि पहले राजा राजपाठ छोड़कर संत बनते थे, आज राजपाठ के लिए संत बनते हैं। शरीर मिला है तो कर्म तो करना ही पड़ेगा, लेकिन कर्म के साथ भगवान का स्मरण करते रहे तो यह कर्म पूजा बना जाती है। आज के परिवेश में लोग पैसा कमाने के चक्कर में जीवन के उद्देश्य को भूलते जा रहे हैं, वही दुःखों का कारण होता है। यही कारण है कि जीवन में शांति नहीं मिल पाती। 

 पांच दिवसीय रामस्नेही सत्संग का उच्छव 

 शहर के सिटी लाइट स्थित ओपेरा हाउस में राम अवतार जाजू परिवार द्वारा पांच दिवसीय सत्संग का आयोजन शनिवार को उच्छव, आरती व भंडारा के साथ संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में काशी पीठाधीश्वर महंत श्री अनुभव दासजी महाराज द्वारा मानव जीवन की महत्ता व सत् स्वरूप आनंद पद के विषय में गंभीर चर्चा व प्रश्न उत्तर का भक्ति मय वातावरण में भक्तों ने ज्ञाना मृत का पान किया। महाराज जी के मुखारविंद से परम मोक्ष के प्राप्ति की विधि का विस्तार से वर्णन हुआ। लोगों ने गुरु मंत्र लेकर इस मार्ग पर चलने हेतु महाराज जी की शरणागति लिया। कैवल्य रामज्ञान काशी यूट्यूब चैनल पर विनोद पांडे द्वारा सीधा प्रसारण भी किया गया। अंत में भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर राम अवतार जाजू के 
आलावा राम किशोर जाजू, राम बिलास जाजू, राधेश्याम जाजू, दामोदर जाजू सहित जाजू परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे।  

Tags: Surat