कश्मीर में चिल्लई कलां शुरू, श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस नीचे
श्रीनगर, 21 दिसंबर (भाषा) कश्मीर में शनिवार को 40 दिनों की सबसे भीषण सर्दी की अवधि चिल्लई कलां शुरू हो गई। श्रीनगर में पांच दशक में दिसंबर की सबसे ठंडी रात रही, यहां तापमान शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। मौसम विभाग की तरफ से यह जानकारी दी गयी।
घाटी के अन्य भागों में भी न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से कई डिग्री नीचे पहुंच गया।
मौसम विभाग ने बताया कि श्रीनगर में शुक्रवार रात तापमान शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस नीचे आ गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे था।
इस महीने में श्रीनगर का अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान 13 दिसंबर 1934 को शून्य से 12.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था।
भीषण ठंड के कारण यहां की प्रसिद्ध डल झील के कुछ हिस्सों सहित कई जलाशय जम गए तथा शहर के कई इलाकों और घाटी में अन्य स्थानों पर जलापूर्ति लाइनें भी जम गईं।
दक्षिण कश्मीर के पर्यटक स्थल पहलगाम, जो अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविरों में से एक है, में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
पंपोर शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोनीबाल नामक छोटा सा गांव घाटी का सबसे ठंडा स्थल रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 10.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.2 डिग्री सेल्सियस नीचे, कुपवाड़ा में शून्य से 7.2 डिग्री सेल्सियस नीचे और कोकेरनाग में शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
यह 1998 के बाद से कुपवाड़ा का दिसंबर का सबसे कम तापमान था तथा इस महीने का नौवां सबसे कम तापमान था।
मौसम विभाग ने 26 दिसंबर तक मौसम मुख्यतः शुष्क रहने का अनुमान जताया है तथा 21-22 दिसंबर की मध्य रात्रि को घाटी के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है।
मौसम विभाग ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर शीत लहर जारी रहेगी।
'चिल्लई-कलां' के 40 दिनों के दौरान बर्फबारी की संभावना अधिकतम होती है और तापमान काफी गिर जाता है।
'चिल्लई कलां' अगले वर्ष 31 जनवरी को समाप्त हो जाएगा, लेकिन घाटी में शीत लहर जारी रहेगी क्योंकि इसके बाद 20 दिन का 'चिल्लई-खुर्द' (छोटी सर्दी) और 10 दिन का 'चिल्लई-बच्चा' का दौर आएगा।