सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 'औद्योगिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और अनुपालन' पर सत्र आयोजन किया
गुजरात में 50,000 से अधिक कारखाने फ़ैक्टरी अधिनियम के तहत पंजीकृत, जिनमें से 953 फ़ैक्टरियाँ एमएचए श्रेणी में : आर. ए. पटेल
सूरत : दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने मंगलवार शाम 05:30 बजे, सेमिनार हॉल-ए, सरसाना, सूरत में 'औद्योगिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और अनुपालन' पर एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया। जिसमें सूरत क्षेत्र डिश (औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य) के संयुक्त निदेशक आर. ए. पटेल ने उद्योगपतियों को औद्योगिक सुरक्षा के बारे में जानकारी दी।
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने स्वागत भाषण देते हुए कहा, 'कार्यस्थल के साथ-साथ उद्योग में कर्मचारियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और अनुपालन सिर्फ नीतियां नहीं हैं, बल्कि एक स्वस्थ और संपन्न कार्यस्थल की नींव हैं। श्रम कानूनों का उद्देश्य उचित मुआवजा, सुरक्षित कार्य वातावरण और कर्मचारियों के स्वास्थ्य की देखभाल प्रदान करना है। सभी कानूनों और विनियमों का पालन करना और कर्मचारियों के कल्याण के लिए सकारात्मक कदम उठाना संगठन की जिम्मेदारी है। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि सुरक्षा जागरूकता से शुरू होती है, स्वास्थ्य देखभाल से बढ़ता है और अनुपालन एक कानूनी और नैतिक दायित्व है।'
आर. ए. पटेल ने कहा कि वर्तमान में गुजरात में 50,000 से अधिक कारखाने फैक्ट्री अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं। जिनमें से लगभग 953 फैक्ट्रियां एमएचए श्रेणी (बड़ी मात्रा में खतरनाक रसायनों का भंडारण करने वाली फैक्ट्रियां) के अंतर्गत आती हैं। 10 से अधिक कर्मचारी और 10 लाख रुपये से अधिक का निर्माण होने पर फैक्ट्री को फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकृत कराना अनिवार्य है। लेकिन यदि रसायन क्षेत्र में कार्य किया जाता है तो एक भी कर्मचारी होने पर फैक्ट्री को फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकृत कराना अनिवार्य है। फ़ैक्टरी अधिनियम के तहत, फ़ैक्टरी के लिए मशीनरी ले-आउट योजना को निदेशक औद्योगिक स्वास्थ्य द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए।
सूरत में विभिन्न उद्योगों में घातक दुर्घटनाएँ बढ़ी हैं, इसलिए सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी देना बहुत ज़रूरी है। कारखानों या कार्यालयों में दुर्घटनाओं से बचने के लिए मानक लिफ्टों की स्थापना, कारखाने में दो आपातकालीन निकास, अग्नि सायरन लाइट, आपातकालीन सायरन की व्यवस्था, हर 15 मीटर पर एक अग्निशामक यंत्र जैसे एहतियाती उपाय किए जा सकते हैं। साथ ही, जब 100 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हों, तो एक योग्य सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए और कारखाने के सभी कर्मचारियों को आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कारखाना अधिनियम 1948 के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
इस अवसर पर डाहयाभाई पटेल ने देश और शहर में वर्षों पहले हुई दुर्घटनाओं का उदाहरण देते हुए औद्योगिक दुर्घटनाओं से बचने के उपायों की जानकारी दी।
चैंबर ऑफ कॉमर्स की श्रम कानून समिति के समिति अध्यक्ष सोहेल सवानी ने सत्र का संचालन किया, जबकि सह-अध्यक्ष आनंद मेहता ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। सत्र में उद्योगपति, मानव संसाधन पेशेवर, सुरक्षा अधिकारी उपस्थित थे। अंत में वक्ता द्वारा उपस्थित लोगों के सभी प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया गया। समिति के सदस्य नेहल चौकसी ने उपस्थित सभी को धन्यवाद दिया और उसके बाद सत्र का समपान किया।