सूरत : नवसारी के सुपा में विश्व स्तरीय उपचार केंद्र स्वामी विवेकानन्द नेत्र मंदिर का मोरारी बापू ने किया उद्घाटन

अस्पताल के विकास के लिए बापू करेंगे श्रीराम कथा

सूरत : नवसारी के सुपा में विश्व स्तरीय उपचार केंद्र स्वामी विवेकानन्द नेत्र मंदिर का मोरारी बापू ने किया उद्घाटन

स्वामी विवेकानन्द नेत्र मंदिर ट्रस्ट ने नवसारी के सुपा में दृष्टि बाधित लोगों के लिए एक सुपर स्पेशलिस्ट नेत्र अस्पताल शुरू किया है। इस अस्पताल का उद्घाटन कथाकार मोरारीबापू ने किया है। अस्पताल परिसर में आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम में मोरारीबापू ने आशीर्वाद दिया। इसके साथ ही बापू ने आशीर्वाद देते हुए दर्दी नारायण की सेवा के लिए कथा दी थी। पूरे कार्यक्रम में सूरत और नवसारी के प्रमुख उद्योगपतियों और अग्रणियों सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

 यह अस्पताल कुल 16 बीघे क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जिसे 450 करोड़ रुपये की लागत से कुल 5 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में बनाया जाएगा। यह निर्माण तीन चरणों में वर्ष 2028 में पूरा होने की संभावना है। जिसमें 12,000 वर्ग फीट का पहला चरण 30 करोड़ की लागत से पूरा हो चुका है। बेहतरीन इलाज से 80 फीसदी तक अंधापन रुक जाता है। इस भाव के साथ संस्था सेवा दे रही है। 

उद्घाटन समारोह में मोरारीबापू ने नेत्र रोगियों के लिए यह अस्पताल आशा की किरण बनेगा ऐसा आशीर्वाद देते हुए कहा कि रोगी नारायण की सेवा सभी सेवाओं में सबसे बड़ा कार्य है। दानदाताओं द्वारा जिस प्रकार से तन, मन और धन से सेवा किया जा रहा है जो सबसे अच्छा उदाहरण है। समाज में ऐसे अच्छे प्रकल्पों की बहुत आवश्यकता है और भामाशाह अपनी लक्ष्मी सदकार्यों में लगा रहे हैं जो स्वागत योग्य है। मोरारीबापू ने आगे कहा कि मैं भी इस सेवा कार्य में सहयोगी बनने जा रहा हूं और आने वाले दिनों में रोगी नारायण को उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से इस अस्पताल के विकास के लिए एक कथा करेंगे।  

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स्वामी विवेकानन्द नेत्रमंदिर ट्रस्ट के निदेशक डॉ. भाविन पटेल ने कहा कि उनका सपना था कि जिन लोगों को आंखों की समस्या है या जो अंधे हैं, उन्हें उत्कृष्ट इलाज मिले, इसी उद्देश्य से उनके द्वारा समाज में इस तरह के प्रोजेक्ट दिये जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य लोगों में आंख की समस्या के बारे में जागरूकता पैदा करना, लोगों को नेत्र देखभाल के लिए अस्पतालों में लाना और उन लोगों को मुफ्त इलाज प्रदान करना जो सर्जरी का खर्च नहीं उठा सकते हैं। यह अस्पताल अंधेपन को रोकने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है। इस अस्पताल में दो चरणों के भीतर 21 ऑपरेशन थिएटर, 64 ओपीडी और प्रति माह 10,000 सर्जरी करने की सुविधाएं होंगी। यह अस्पताल पश्चिमी भारत का सबसे बड़ा अस्पताल साबित होगा।

इस अस्पताल के तीसरे चरण में एक अंध पुनर्वास केंद्र बनाया जाएगा, जिसमें जो लोग अंधे हो गए हैं उन्हें लोको मोटर ट्रेनिंग के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। ताकि उन्हें यात्रा करने और रोजगार पाने में मदद करने का प्रयास किया जाएगा, जिसके लिए विशेष प्रशिक्षक शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा। इस अस्पताल में 100 से ज्यादा डॉक्टर और 700 से ज्यादा स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। 

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