चोट करनी है तो दिमाग पर कीजिए, दिल पर नहीं: धनखड़

चोट करनी है तो दिमाग पर कीजिए, दिल पर नहीं: धनखड़

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) पक्षपात के आरोपों और सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने संबंधी प्रस्ताव के नोटिस को लेकर पिछले कुछ दिनों से राज्यसभा में जारी हंगामे के बीच धनखड़ ने बृहस्पतिवार को विपक्षी दलों को रिश्तों की अहमियत बताई और कहा कि ‘चोट’ करनी है तो दिमाग पर कीजिए, दिल पर नहीं।

उच्च सदन की आज कार्यवाही शुरू होते ही धनखड़ ने राज्यसभा के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार तथा हिमाचल प्रदेश से भाजपा के सदस्य हर्ष महाजन के जन्मदिन का उल्लेख किया और उन्हें सदन की ओर से बधाई दी।

इस दौरान, जब सभापति धनखड़, महाजन के राजनीतिक व सामाजिक जीवन का उल्लेख कर रहे थे तभी विपक्ष की ओर से किसी सदस्य ने टोकते हुए उनके कांग्रेस से रिश्तों की याद दिलाई।

इस पर धनखड़ ने कहा, ‘‘आप तो रिश्तों को बहुत जल्दी भूल जाते हो। आपको रिश्ते याद ही कहां रहते हैं। रिश्तों की अहमियत समझो थोड़ा। इन रिश्तों की तिलांजलि नहीं दी जाती है। इस रिश्तों को पूजा जाता है, संजोया जाता है। चोट करनी है तो दिमाग पर कीजिए, दिल पर नहीं।’’

धनखड़ की इस टिप्पणी को विपक्षी दलों पर किया गया तंज माना जा रहा है।

ज्ञात हो कि विपक्ष से तल्ख रिश्तों के बीच ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों ने पिछले दिनों सभापति धनखड़ को पद से हटाने के लिए नोटिस दिया है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि राज्यसभा के सभापति अपनी अगली पदोन्नति के लिए सरकार के प्रवक्ता बनकर काम कर रहे हैं और उनके आचरण ने देश की गरिमा को बहुत नुकसान पहुंचाया है।

विपक्षी दलों के नेताओं ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि उनकी धनखड़ से कोई निजी दुश्मनी नहीं है, लेकिन संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए उन्हें नोटिस देने का कदम उठाना पड़ा।

विपक्षी दलों के इस आरोप के बाद सत्तारूढ़ भाजपा ने खुलकर धनखड़ का बचाव किया है।

भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस, अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के साथ पार्टी के संबंधों पर उठाए जा रहे सवालों से ध्यान भटकाने की कोशिश के तहत धनखड़ पर आक्षेप लगा रही है।

लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हर्ष महाजन ने गत हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया था। हालांकि, प्रदेश में बहुमत से कांग्रेस की सरकार बन गई। बाद में राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने महाजन को अपना उम्मीदवार बनाया और उन्होंने जीत हासिल की। उन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी को मात दी थी।

गौरतलब है कि धनखड़ भी कुछ समय कांग्रेस में थे।