बांग्लादेश में कट्टरंपथियों के डराने-धमकाने पर एक नाबालिग लड़की भागकर भारत पहुंची, गिरफ्तार

बांग्लादेश में कट्टरंपथियों के डराने-धमकाने पर एक नाबालिग लड़की भागकर भारत पहुंची, गिरफ्तार

कोलकाता, 12 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में कथित रूप से सीमापार कर अवैध तरीके से भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा पकड़ी गयी बांग्लादेश की एक किशोरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

किशोरी (17) ने दावा किया कि बांग्लादेश में ‘इस्कॉन’ भक्त होने के कारण कट्टरपंथियों ने उसके परिवार के सदस्यों को डराया-धमकाया जिसके बाद वह वहां से भाग आयी।

चोपरा थाने के पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ जलपाइगुड़ी जिले में लड़की के कुछ रिश्तेदार हैं। हमने उनसे संपर्क किया है। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह सीमा पार करके यहां कैसे आई और इस काम में किसने उसकी मदद की।’’

उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के पंचगढ़ जिले की यह लड़की पैदल ही सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में आ गई और उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा प्रखंड में फतेहपुर सीमा चौकी के पास बीएसएफ के जवानों ने उसे देख लिया।

किशोरी के एक रिश्तेदार ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ वे इस्कॉन के भक्त हैं। कट्टरपंथियों ने उसे अगवा कर लेने एवं पूरे परिवार की हत्या कर देने की धमकी दी। वे उसे यहां भेजने की योजना बना रहे थे। वह भारत आने वाली थी, लेकिन हमें तारीख के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं मिली थी।’’

रिश्तेदार ने कहा कि उसके (किशोरी के) पिता चिकित्सा प्रतिनिधि (एमआर) हैं और कुछ समय से बीमार हैं।

ढाका में 25 नवंबर को हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से बांग्लादेश में राजनीतिक-सामाजिक उबाल है। देश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की कई घटनाएं हुईं।

(किशोरी के भागकर भारत आ जाने की) इस घटना पर इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस संबंध में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।

दास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ बांग्लादेश की एक नाबालिग लड़की के बारे में जानकर बहुत दुख और पीड़ा हुई, जो हताश होकर अकेले ही भारत में घुसने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसे बीएसएफ ने गिरफ्तार कर लिया और किशोर हिरासत गृह में भेज दिया।’’

उन्होंने कहा कि बुरी तरह बीमार उसके माता-पिता ने बांग्लादेश की स्थिति और उसकी सुरक्षा के डर से उससे सीमापार कर भारत चले जाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि उनके पास अपनी बेटी को भारत में अपने रिश्तेदारों के पास छोड़ देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

दास ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र के तौर पर हम मदद की ऐसी गुहार को कैसे नज़रअंदाज़ कर सकते हैं? सुरक्षा और प्यार की तलाश कर रही एक कमज़ोर बच्ची को हम कैसे ठुकरा सकते हैं? मैं विनम्रतापूर्वक और तत्काल गृहमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वह करुणा और मानवता के भाव के साथ हस्तक्षेप करें और इस निर्दोष लड़की को उसके रिश्तेदारों के साथ रहने की अनुमति दें।’’