पढ़ने में अच्छे पाठकों की मस्तिष्क संरचना भी अलग होती है
(माइकल रोल, लुंड विश्वविद्यालय)
लुंड (स्वीडन), 10 दिसंबर (द कन्वरसेशन) रीडिंग एजेंसी के शोध में पाया गया है कि मनोरंजन के लिए पढ़ने वाले लोगों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। ब्रिटेन के 50 प्रतिशत वयस्कों का कहना है कि वे नियमित रूप से नहीं पढ़ते (2015 में यह संख्या 42 प्रतिशत थी) और 16-24 वर्ष की आयु के लगभग चार में से एक युवा का कहना है कि पढ़ना कभी भी उनका शौक नहीं रहा।
लेकिन इसके क्या निहितार्थ हैं? क्या लोगों द्वारा पढ़ने के बजाय वीडियो को प्राथमिकता देने से हमारे मस्तिष्क या प्रजाति के रूप में हमारे विकास पर असर पड़ेगा? अच्छे पाठकों की मस्तिष्क संरचना वास्तव में किस प्रकार की होती है? ‘न्यूरोइमेज’ में प्रकाशित मेरे नए अध्ययन में इन पर प्रकाश डाला गया है।
मैंने 1,000 से अधिक प्रतिभागियों से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिससे पता चला कि अलग-अलग क्षमताओं वाले पाठकों की मस्तिष्क संरचना में अलग-अलग विशेषताएं थीं।
जो लोग पढ़ने में अच्छे थे उनमें मस्तिष्क के बाएं हिस्से के दो क्षेत्रों की संरचना भिन्न थी, जो भाषा के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें से एक ‘टेम्पोरल लोब’ (मस्तिष्क का हिस्सा) का अग्र भाग था। बायां ‘टेम्पोरल पोल’ विभिन्न प्रकार की सार्थक सूचनाओं को जोड़ने और वर्गीकृत करने में मदद करता है।
पैर जैसे शब्द का अर्थ समझने के लिए, यह मस्तिष्क क्षेत्र विभिन्न जानकारी को जोड़ता है, जो यह बताता है कि पैर कैसे दिखते हैं और कैसे चलते हैं।
इसी तरह, दूसरा हिस्सा है ‘हेशल गाइरस’, जो ऊपरी ‘टेम्पोरल लोब’ पर स्थित एक तह है, जिसमें ‘कॉर्टेक्स’ (मस्तिष्क की सबसे बाहरी परत) स्थित होती है।
बेहतर पढ़ने की क्षमताओं का संबंध मस्तिष्क के दाएं हिस्से की तुलना में बाएं हिस्से में ‘टेम्पोरल लोब’ के बड़े अग्र भाग से पाया गया। इससे यह समझ में आता है कि एक बड़े मस्तिष्क क्षेत्र के अर्थ के लिए समर्पित होने से शब्दों को समझना और इसलिए पढ़ना आसान हो जाता है।
आकार क्यों मायने रखता है
क्या मोटा होना हमेशा बेहतर होता है? जब ‘कॉर्टेक्स’ संरचना की बात आती है, तो नहीं, ये जरूरी नहीं है। हम जानते हैं कि अधिकांश लोगों के बाएं गोलार्ध में श्रवण ‘कॉर्टेक्स’ में अधिक ‘माइलिन’ होता है। माइलिन एक वसायुक्त पदार्थ है जो तंत्रिका तंतुओं के लिए एक वाहक के रूप में कार्य करता है। यह तंत्रिका संचार की गति को बढ़ाता है और मस्तिष्क कोशिकाओं के स्तंभों को एक दूसरे से अलग भी कर सकता है। माना जाता है कि तंत्रिका स्तंभ छोटी प्रसंस्करण इकाइयों के रूप में कार्य करते हैं।
तो क्या पतला होना बेहतर है? फिर से, जवाब है नहीं, ये जरूरी नहीं है। जटिल क्षमताएं जिनमें सूचना को एकीकृत करने की आवश्यकता होती है, उन्हें मोटे ‘कॉर्टेक्स’ से लाभ मिलता है। सूचना को एकीकृत करने के अपने जटिल तरीके के कारण अग्र ‘टेम्पोरल लोब’ वास्तव में सभी कॉर्टेक्स क्षेत्रों में सबसे मोटी संरचना है।
ध्वनि विज्ञान एक अत्यधिक जटिल कौशल है, जहां विभिन्न ध्वनि और विशेषताओं को भाषण ध्वनियों में एकीकृत किया जाता है। इसका बाएं ‘हेशल गाइरस’ के पास के क्षेत्र में एक मोटे कॉर्टेक्स के साथ संबंध प्रतीत होता है।
(द कन्वरसेशन)