सार्वजनिक बैकों ने छह महीनों में 42,000 करोड़ रुपये का ऋण बट्टे खाता में डाला
नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाई में 42,000 करोड़ रुपये के ऋण को बट्टे खाते में डाल दिया तथा 37,253 करोड़ रुपये की वसूली की।
सरकार ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 8,312 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक ने 8,061 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 6,344 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा ने 5,925 करोड़ रुपये के कर्ज बट्टे खाते में डाले।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह से ऋण बट्टे खाते में डालने से कर्ज लेने वालों की देनदारियां माफ नहीं होती हैं और इसलिए इससे उन्हें कोई लाभ नहीं होता है। ऋण लेने वाले पुनर्भुगतान के लिए उत्तरदायी बने रहते हैं और बैंक अपने पास उपलब्ध विभिन्न वसूली तंत्रों के माध्यम से इन खातों में शुरू की गई वसूली कार्रवाई जारी रखते हैं।’’
मंत्री ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा 42,035 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले गए, जबकि 37,253 करोड़ रुपये की वसूली की गई।