सूरत : दीप दर्शन विद्या संकुल में श्रीमद्भगवद गीता का सामुहिक पाठ, छात्रों ने किया पुरुषोत्तम योग का गान

विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का संचार करने के लिए गीता का पाठ, जीवन के प्रश्नों के उत्तर ढूंढने की दिशा में एक कदम

सूरत : दीप दर्शन विद्या संकुल में श्रीमद्भगवद गीता का सामुहिक पाठ, छात्रों ने किया पुरुषोत्तम योग का गान

सूरत : दीप दर्शन विद्या संकुल, डिंडोली में गीता जयंती की तैयारियों के तहत एक अद्भुत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 9वीं से 12वीं कक्षा के लगभग 1700 छात्रों ने मिलकर श्रीमद्भगवद गीता के 15वें अध्याय (पुरुषोत्तम योग) का सामूहिक गान किया। 

यह कार्यक्रम छात्रों में नैतिक मूल्यों का संचार करने और उन्हें जीवन के उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास था। यह आयोजन विद्यार्थियों में गीता के प्रति श्रद्धा जगाने और जीवन के उलझनों का समाधान ढूंढने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। 

 शिक्षकों का मानना है कि गीता में जीवन के सभी सवालों के जवाब छिपे हैं। इसीलिए, विद्यार्थियों को गीता के ज्ञान से जोड़ने के लिए यह प्रयास किया गया। शिक्षकों ने बच्चों को समझाया कि गीता सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाती है।

स्कूल में नियमित रूप से प्रतिदिन प्रार्थना के समय गीता के एक श्लोकों का पाठ किया जाता है। जिससे छात्रों में निष्ठा, समर्पण और सदाचार जैसे गुणों का विकास होता है। विद्यालय के शिक्षकों और आचार्यश्री ने बच्चों को बताया कि मन के अर्जुन का हृदय के कृष्ण से सीधा संवाद ही गीता है। यह पुस्तक अवसाद, हताशा और अन्य मानसिक समस्याओं का समाधान बताती है।यह भी उल्लेखनीय है कि सभी छात्रों के पास अपनी-अपनी जेब के आकार की भगवद गीता है। स्कूल का वातावरण प्रतिदिन गीता के मंत्रों से गुंजायमान रहता है।

स्कूल के प्रशासक दशरथ पटेल और तुषार पटेल ने इस पहल के लिए सभी शिक्षकों और छात्रों की प्रशंसा की। अभिभावक भी स्कूल के इस नए तरीके से काफी खुश हैं।

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