बैंक फर्जी खातों पर लगाम लगाने के लिए 'म्यूलहंटर एआई' से जुड़ें: आरबीआई
मुंबई, छह दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को बैंकों से कहा कि वे उसकी पहल 'म्यूलहंटर डॉट एआई' के साथ सहयोग करें, ताकि वित्तीय धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले म्यूल खातों (फर्जी खातों) को हटाया जा सके।
म्यूल खाता एक बैंक खाता है, जिसका इस्तेमाल अपराधी अवैध तरीके से पैसा लूटने के लिए करते हैं। गुमनाम व्यक्ति इन खातों को खोलकर इसमें लोगों से ठगी के पैसे जमा करवाते हैं। इन खातों से धन हस्तांतरण का पता लगाना और उसे वापस पाना मुश्किल होता है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा, ''धोखाधड़ी करने वालों द्वारा ठगी की रकम को हस्तांतरित करने के लिए म्यूल खातों का इस्तेमाल एक सामान्य तरीका है।''
उन्होंने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करते हुए कहा कि आरबीआई इस समय वित्तीय धोखाधड़ी को पूरी तरह से रोकने के लिए एक हैकथॉन चला रहा है।
दास ने कहा कि इस दिशा में रिजर्व बैंक की सहायक इकाई रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) ने 'म्यूलहंटर डॉट एआई' नामक एक एआई मॉडल तैयार किया है। यह मॉडल कुशलता के साथ फर्जी खातों का पता लगाता है। दो बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ एक पायलट परियोजना से उत्साहजनक परिणाम मिले हैं।
गवर्नर ने कहा कि इस पहल को और विकसित करने के लिए आरबीआईएच के साथ बैंकों को सहयोग करना चाहिए।