सूरत का अर्बन फॉरेस्ट: वायु प्रदूषण कम करने में सफल, SVNIT का शोध
विरल देसाई का अर्बन फॉरेस्ट मॉडल, शहरों को सांस लेने का नया मौका
सूरत: पर्यावरणविद् विरल देसाई द्वारा निर्मित सूरत के उधना रेलवे कॉलोनी में आरपीएफ पुलिस स्टेशन के नजदीक शहीद स्मृतिवन ने एक बार फिर साबित किया है कि अर्बन फॉरेस्ट न केवल शहरों की सुंदरता बढ़ाते हैं, बल्कि वायु प्रदूषण से निपटने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। एसवीएनआईटी, सूरत के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, इस अर्बन फॉरेस्ट ने दक्षिणी सूरत में हवा में मौजूद पीएम10 और पीएम2.5 जैसे हानिकारक कणों को काफी हद तक कम किया है।
शोधकर्ता युग्मी पटेल के अनुसार, "हमारे शोध से पता चला है कि शहीद स्मृतिवन में पीएम10 का स्तर 18.85% और पीएम2.5 के स्तर में 10.66% की कमी आई है।" उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय प्रजातियों के पेड़ों का चयन करना अर्बन फॉरेस्ट के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
विरल देसाई ने इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "दिल्ली और लाहौर जैसे शहरों की स्थिति को देखते हुए, हमें अधिक शहरी वन बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह न केवल प्रदूषण को कम करेगा बल्कि शहरों के तापमान को भी कम करने में मदद करेगा।"
उधना रेलवे स्टेशन के पास आरपीएफ रेलवे कॉलोनी में साल 2019 में निर्मित शहीद स्मृतिवन में 19000 वर्ग फुट के क्षेत्र में 1500 से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। इस के अलावा शहर के आसपास विरल देसाई पिछले पांच वर्षों में सात अर्बन फॉरेस्ट बना चुके हैं और 6,50,000 पेड़ लगा चुके हैं।