सूरत का आभूषण उद्योग मंदी की चपेट में, क्रिसमस सीजन भी फीका
अपर्याप्त ऑर्डर के कारण आभूषण निर्माताओं ने छुट्टियां बढ़ाईं
सूरत: हीरा उद्योग के बाद अब सूरत का आभूषण निर्माण उद्योग भी मंदी की चपेट में है। अमेरिका और यूरोप में मांग कम होने के कारण ऑर्डर में कमी आई है। इस कारण आभूषण निर्माताओं ने क्रिसमस सीजन के लिए रखी गई एक सप्ताह की छुट्टियों को बढ़ाकर 15 दिन कर दिया है।
शहर की लगभग 30% आभूषण निर्माण इकाइयों ने दिवाली के बाद से उत्पादन शुरू नहीं किया है। आमतौर पर दिवाली के बाद क्रिसमस सीजन के ऑर्डर पूरा करने के लिए आभूषण उद्योग में 7 दिन की छुट्टियां होती हैं, लेकिन इस बार ऑर्डर कम होने के कारण निर्माताओं को लंबी छुट्टियां लेनी पड़ रही हैं।
सूरत पिछले कुछ वर्षों में देश का प्रमुख आभूषण निर्माण केंद्र बन चुका है। यहां 450 से अधिक आभूषण निर्माण इकाइयां संचालित होती हैं। केंद्र सरकार ने भी सूरत को विश्व का आभूषण निर्माण केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि संशोधित स्वर्ण मुद्रीकरण योजना और सोने के आयात शुल्क में कमी।
विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक मंदी और मुद्रास्फीति के कारण हीरे और आभूषणों की मांग में कमी आई है। इसके अलावा, युवा पीढ़ी के बीच आभूषणों के प्रति रुझान कम होने से भी उद्योग प्रभावित हुआ है।
उद्योग विशेषज्ञ का कहना है कि, "सूरत का आभूषण उद्योग वैश्विक परिस्थितियों से काफी प्रभावित होता है। हमें घरेलू बाजार को मजबूत करने के साथ-साथ नए बाजारों में प्रवेश करने की जरूरत है।"
सरकार को चाहिए कि वह उद्योग को बढ़ावा देने के लिए और अधिक कदम उठाए। इसमें ब्याज दरों में कमी, निर्यात सब्सिडी और कारीगरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं।