वड़ोदरा : पावागढ़ का प्रसिद्ध कालिका मंदिर शुद्धिकरण के लिए शुक्रवार शाम 4 बजे के बाद रहेगा बंद
मंदिर में 27 अक्टूबर की रात चोरी हुई थी, मंदिर दोबारा दर्शन के लिए 9 नवंबर को सुबह 6 बजे के बाद खुलेगा
पावागढ़, 7 नवंबर (हि.स.)। गुजरात के पंचमहाल जिले के पावागढ़ स्थित प्रसिद्ध कालिका माता का मंदिर 8 नवंबर, शुक्रवार को शाम 4 बजे के बाद श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। मंदिर दोबारा दर्शन के लिए अगले दिन 9 नवंबर को सुबह 6 बजे के बाद खुलेगा। मंदिर में चोरी की घटना के बाद माताजी की पादुका, त्रिशूल और पूजन सामग्री की शास्त्रोक्त विधि-विधान से शुद्धिकरण के लिए मंदिर को बंद करने का निर्णय श्री कालिका मंदिर ट्रस्ट ने लिया है।
पावागढ़ के शक्तिपीठ कालिका माता मंदिर में 27 अक्टूबर की रात चोरी हुई थी। हालांकि पुलिस ने शीघ्र ही आरोपित को गिरफ्तार कर मंदिर के गर्भगृह से चोरी हुए सोना-चांदी के गहने समेत 78 लाख रुपये का आभूषण बरामद कर लिया था। सूरत जिले के ग्राम नसारपुर के आरोपित व्यक्ति विदुर वसावा ने रात्रि के समय मंदिर के वेंटिलेशन को तोड़कर गर्भगृह में प्रवेश किया था। आरोपित ने माताजी के गर्भगृह से 6 सोने का हार और मुकुट समेत अन्य आभूषण की चोरी की थी। इसकी कुल कीमत 78 लाख रुपये बताई गई थी। हालांकि पुलिस ने मामले की गंभीरता देखते हुए सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपित को गिरफ्तार कर सभी चोरी का सामान बरामद कर लिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पावागढ़ के कालिका मंदिर में करीब 500 साल बाद ध्वजा फहराई थी। इसके लिए मंदिर का करीब 125 करोड़ रुपये के खर्च से जीर्णोद्धार किया गया था। इसमें 15 करोड़ रुपये मंदिर न्यास ने दिए थे। यह मंदिर चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक पार्क का हिस्सा है, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर माना है। इस मंदिर की भव्यता दूर-दूर तक फैली थी। इस कारण 500 साल पहले मुगल शासक सुल्तान महमूद बेगड़ा ने इस मंदिर के शिखर को तोड़ दिया था। इसके बाद इस मंदिर पर ही सदनशाह की दरगाह बनाई गई थी। इस वजह से मंदिर का शिखर फिर कभी नहीं बना। मंदिर जीर्णोद्धार के समय यहां पहले से स्थित सदनशाह की दरगाह को दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया, जिसके बाद मंदिर का गुंबद बना और उस पर ध्वजा फहराई जा सकी।