सूरत : चार दिवसीय श्री छठ महापर्व का पहला अर्घ्य आज
लिस अधिकारियों ने श्री छठ सरोवर डिंडोली का मुआयना कर सुरक्षा का जायजा लिया
शहर के डिंडोली स्थित डिंडोली सरोवर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री छठ मानव सेवा ट्रस्ट द्वारा छठ महापर्व का आयोजन किया गया है, जिसकी तैयारियां जोर शोर से की जा रही है। जहां एक ओर छठ व्रती घाटों पर बेदी बनाकर अपने पूजन के लिए स्थान बना रहे हैं, वही सुरक्षा को लेकर आयोजकों के साथ पुलिस प्रशासन भी सुरक्षा व्यवस्था में जुटी हुई है।
बुधवार को एसीपी वी. एम. जाड़ेजा, डिंडोली पीआई आर. जे. चुडास्मा, पीएसआई लालसिंह मासानी, पीएसआई धीरज बथवार ने श्री छठ सरोवर डिंडोली का मुआयना कर सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। ट्रस्ट के चेयरमैन राजेंद्र उपाध्याय, प्रमुख गुलजारीलाल उपाध्याय ने पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा संबंधित जानकारी दी। इस दारमन ट्रस्ट के महेंद्र तिवारी, विजय पांडे, राजेश पांडे, ओमकार मिश्र, सुबोध महतो, विजय उपाध्याय, शुभम उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में ट्रस्ट के पदाधिकारी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि चार दिवसीय श्री छठ महापर्व का आगाज मंगलवार नहाए-खाए के साथ प्रारंभ हो गया है। महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को खरना पूजन किया गया। व्रतियों ने निष्ठा के साथ उपवास रखकर संध्या पहर में छठ मैया की पूजा की। इस दौरान नए चूल्हे व मिट्टी के वर्तन में गन्ने के रस या गुड़ में अरवा चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा एवं दोस्ती रोटी बना कर मां को नैवेद्य चढ़ाया।
कलश की स्थापना कर अखंड दीप प्रज्ज्वलित की गई। व्रतियों ने छठी मैया से परिवार में सुख, शांति व समृद्धि की कामना की। खरना के दौरान व्रतियों के प्रसाद ग्रहण के दौरान पूरी शांति बरती गई। इसके उपरांत अन्य श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। अब व्रती निर्जला उपवास रह कर गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी। शुक्रवार को उदीयमान सूर्य की पूजा अर्चना के साथ ही महापर्व संपन्न हो जाएगा। व्रतियों व श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तापी घाट व डिंडोली श्री छठ सरोवर सहित शहर के विविध क्षेत्रों में तालाव सजधज कर तैयार हैं।
श्रद्धालु भी भगवान भास्कर की पूजा को लेकर उत्साहित हैं। घाटों तक पहुंचने व भगवान भास्कर की पूजा अर्चना में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए रोशनी के साथ-साथ सुरक्षा के भी व्यापक प्रबंध आयोजकों द्वारा किए गए हैं। इस कार्य में स्वयंसेवी संस्थाओं व समाजसेवियों के साथ-साथ प्रशासन
भी सक्रिय है।