सूरत: झूठे मामले में फंसाए गए ससुराल वाले बरी

समझौते के लिए बुलाई गई बैठक में हुआ था झगड़ा

सूरत: झूठे मामले में फंसाए गए ससुराल वाले बरी

सूरत: सूरत के अमरोली निवासी हितेश राठौड़ और बेगमपुरा निवासी आशा राठौड़ की लवमैरेज वर्ष 2018 में हुई थी। शादी के बाद दोनों पक्षों की एक बेटी हुई। हालांकि, शादी के बाद से ही दोनों पक्षों के बीच मतभेद बढ़ते गए।

आशा के रिश्तेदारों ने शादी का विरोध किया था और बाद में शादीशुदा जीवन में भी दखल देना शुरू कर दिया था। परिवारजनों के दबाव में आशा अपनी बेटी को लेकर मायके चली गई और दहेज के मामले में अदालत में मुकदमा दायर कर दिया ।

हितेश ने वैवाहिक जीवन को बचाने के लिए अदालत में विवाह के अधिकारों की बहाली के लिए याचिका दायर की। दोनों पक्षों के बीच समझौते के प्रयास किए गए। एक बार आशा के रिश्तेदारों ने हितेश और उसके परिवार को समझौते के लिए अपने घर बुलाया था। लेकिन बैठक में कोई समझौता नहीं हुआ और तनावपूर्ण माहौल के बीच हितेश के परिवार को वहां से जाना पड़ा।

बाद में आशा ने अपने हाथ की नस काट ली और हितेश और उसके परिवार पर झूठा मामला दर्ज करवा दिया। उसने आरोप लगाया कि हितेश का परिवार उसे परेशान करता था।

 अधिवक्ता प्रीति जिग्नेश जोशी शिकायत दर्ज कराने वाले आरोपी की ओर से उपस्थित रही। हालांकि, अदालत ने आशा के दावों को खारिज कर दिया। अदालत ने पाया कि आशा अपने परिवार के दबाव में आकर झूठे आरोप लगा रही थी। अदालत ने हितेश और उसके परिवार को बरी कर दिया। इस मामले में आरोपि पति की ओर से वकील प्रीति जिग्नेश जोशी ने कोर्ट में दलीले पेश की। 

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