सूरत : देश भर में आज अहोई अष्टमी पूजन से दिवाली महोत्सव की शुरुआत

बाज़ारों में रौनक-चीनी सामान का बहिष्कार-भारतीय उत्पादों का बोलबाला

सूरत : देश भर में आज अहोई अष्टमी पूजन से दिवाली महोत्सव की शुरुआत

दिल्ली सहित देश भर में आज महिलाओं द्वारा अहोई अष्टमी के पूजन से 10 दिवसीय दिवाली महोत्सव की शुरुआत हो गई है। देशभर के बाजारों में उत्सव का माहौल देखा जा रहा है, और भारतीय उत्पादों की भारी मांग के साथ  दुकानदार बेहद उत्साहित हैं तथा इन दस दिनों में बड़े व्यापार होने की उम्मीद कर रहे हैं। इस वर्ष लोगों में दिवाली त्यौहार मनाने के प्रति एक नई उमंग देखी जा रही है। दिल्ली सहित देश भर के बाज़ारों को विशेष रूप से सजायें जाने का काम शुरू हो गया है। इस वर्ष दिवाली पर देश भर में 4.25 लाख करोड़ के व्यापार होने की उम्मीद है जो अपने आप में अब तक का दिवाली बिक्री का एक रिकॉर्ड होगा वहीं 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार का झटका दिवाली त्यौहार की बिक्री एवं ख़रीद के ज़रिए देश के लोग चीन को देने जा रहे हैं।

देश भर में व्यापारियों के शीर्ष संगठन कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री तथा चाँदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि देश भर के व्यापारियों ने इस त्यौहार को बड़े पैमाने  “अपनी दिवाली-भारतीय दिवाली” के रूप में बनाने का निर्णय लेते हुए ज़्यादा से ज़्यादा भारतीय सामान की बिक्री करने का निर्णय लिया है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “ वोकल फॉर लोकल” स्लोगन और अधिक मज़बूत हो। उन्होंने बताया कि गुरुवार को अहोई अष्टमी, 28 अक्टूबर को धन तेरस, 30 अक्टूबर को नर्क चतुर्दशी, 31 अक्टूबर को दिवाली, 2 नवंबर की गोवर्धन पूजा तथा 3 नवंबर को  भाई दूज तक यह महोत्सव चलेगा, लेकिन उसके तुरंत बाद 5 नवंबर से 7 नवंबर तक छठ पूजा तथा 12 नवंबर को तुलसी विवाह तक त्यौहारों का यह सीजन चलने वाला है। 

कैट के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की भावना मजबूत हुई है, और इस साल यह और अधिक प्रभावी रूप में दिखाई दे रही है। कैट ने भी व्यापारियों और ग्राहकों से अपील की है कि वे इस दिवाली केवल भारतीय उत्पादों की ही ख़रीद-बीच करें और भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में अपना योगदान दें।

कैट के गुजरात के चेयरमैन प्रमोद भगत ने कहा कि गत कुछ वर्षों से देश भर के ग्राहकों का ख़रीद व्यवहार पूरी तरह बदला है जो इस बात से स्पष्ट है की ग्राहक अब बाज़ारों में भारतीय उत्पादों की ही मांग करते है। चीनी सामान सस्ता है-इस बात को लोग भूल कर अब चीन से बनी वस्तुओं का खुलकर बहिष्कार कर रहे हैं। यही कारण है की देश भर के बाज़ारों में अब चीन से बना दिवाली से संबंधित सामान लगभग नदारद है। इम्पोर्ट करने वाले व्यापारियों ने इस साल चीन से दिवाली से जुडी किसी भी वस्तु का आयात नहीं किया है। 

कैट ने देश भर के व्यापारियों से इस दिवाली को "-अपनी दिवाली-भारतीय दिवाली" के रूप में मनाने का आह्वान किया है। देश भर के बाज़ारों में दिवाली त्यौहार की खरीदी में ग्राहक विशेष रूप से, घर की सजावट के सामान, दिवाली पूजा के सामान जिसमें मिट्टी के दीये, देवता, दीवार पर लटकने वाले, हस्तशिल्प के सामान, शुभ-लाभ, ओम जैसे पारंपरिक सौभाग्य के प्रतीक, देवी लक्ष्मी एवं श्री गणेश जी की पूजा का सामान, घर की सजावट का सामान जो  स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कुशल कलाकारों द्वारा बनाई गई  वस्तुओं को देश भर के बाज़ारों में बड़ा व्यापार देंगे। 

दिवाली का यह महोत्सव आने वाले दिनों में बाजारों की चमक और व्यापारिक गतिविधियों में अभूतपूर्व वृद्धि का संकेत दे रहा है। दुकानदार और व्यापारी इस अवसर को बड़े उत्साह के साथ मना रहे हैं और उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए भरपूर तैयारियों में लगे हैं।

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