सूरत : चैंबर द्वारा आयकर अधिनियम पर सेमिनार आयोजित, व्यवसायियों को मिली अहम जानकारी
12ए और 18जी के पंजीकरण, झूठी मांग जैसी समस्याओं पर विस्तार से हुई चर्चा
सूरत: दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) सूरत शाखा और दक्षिण गुजरात इनकम टैक्स बार एसोसिएशन (एसजीआईटीबीए) के संयुक्त तत्वावधान में आयकर अधिनियम, 1961 के छूट कार्यक्रम और शिकायत निवारण विषय पर एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस सेमिनार में अहमदाबाद रेंज-2 छूट के संयुक्त आयुक्त आईआरएस योगीश मिश्रा और सूरत (छूट) वार्ड के आयकर अधिकारी मनोज कुमार मीना ने आयकर अधिनियम के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने कहा, ''भारत में आयकर का प्रावधान 24 जुलाई 1860 से लागू किया गया था और आयकर अधिनियम भारत की आजादी के बाद 01 अप्रैल 1962 से लागू किया गया था। फिलहाल देश के कर राजस्व में प्रत्यक्ष कर का योगदान 34.02 फीसदी है। जबकि अप्रत्यक्ष कर का योगदान 65.8 फीसदी है। भारत की कुल जीडीपी में इनकम टैक्स का योगदान साढ़े तीन फीसदी है। कॉर्पोरेट टैक्स और व्यक्तिगत आयकर में यह योगदान अधिकतम 75 प्रतिशत है।
आईआरएस योगीश मिश्रा ने 12ए और 18जी के पंजीकरण से जुड़ी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन पंजीकरणों में अक्सर दिक्कतें आती हैं और जब इस संबंध में नोटिस जारी होता है तो तुरंत जवाब देना चाहिए। उन्होंने आयकर अधिनियम में किए गए हालिया बदलावों के बारे में भी जानकारी दी।
सूरत (छूट) वार्ड के आयकर अधिकारी मनोज कुमार मीना ने बताया कि सूरत में अधिकांश शिकायतें झूठी मांग से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि फॉर्म 9, 10, 10बी और आईटीआर समय पर भरने से ऐसी समस्याओं से बचा जा सकता है। उन्होंने आईटीआर में रजिस्ट्रेशन विवरण सही-सही भरने पर जोर दिया।
सेमिनार में ट्रस्टों और सोसायटियों के लिए आईटीआर फॉर्म में बचत बैंक खाते स्वीकार करने की मांग उठाई गई। आयकर विभाग के अधिकारियों ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी, तत्कालीन पूर्व अध्यक्ष रमेश वघासिया और आईसीएआई सूरत शाखा के अध्यक्ष दुष्यन्त विठलानी ने भी अपने विचार रखे। चैंबर की आयकर समिति के अध्यक्ष प्रजनेश जग्गाशेठ ने सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत की और सह-अध्यक्ष दीपेश शकवाला ने कार्यक्रम का संचालन किया।
अंत में वक्ताओं द्वारा सेमिनार में उपस्थित लोगों के प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया गया। एसजीआईटीबीए के उपाध्यक्ष आशीष वकील ने उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया, जिसके बाद सेमिनार संपन्न हुआ।