सूरत : मुंद्रा बंदरगाह को डाक टिकट के माध्यम से मिली सम्मानजनक पहचान

25 वर्षों की सफल यात्रा और देश के विकास में योगदान का जश्न

सूरत : मुंद्रा बंदरगाह को डाक टिकट के माध्यम से मिली सम्मानजनक पहचान

सूरत, 9 अक्टूबर 2024: भारत के समुद्री और व्यापारिक इतिहास में एक नए अध्याय को जोड़ते हुए, अदानी समूह के प्रमुख बंदरगाह, मुंद्रा पोर्ट को इसके संचालन के 25 वर्ष पूरे होने पर एक विशेष डाक टिकट से सम्मानित किया गया है। विश्व डाक दिवस के अवसर पर जारी किया गया यह स्मारक डाक टिकट, मुंद्रा बंदरगाह के उल्लेखनीय योगदान को दर्शाता है, जिसने एक छोटे से मछली पकड़ने वाले गांव से भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक बंदरगाह बनने की लंबी दूरी तय की है।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल की उपस्थिति में आयोजित एक विशेष समारोह में यह डाक टिकट जारी किया गया। इस अवसर पर अदानी समूह के प्रतिनिधियों और भारत पोस्ट के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

मुंद्रा बंदरगाह: विकास का प्रतीक

पिछले 25 वर्षों में, मुंद्रा बंदरगाह ने न केवल देश के व्यापार को बढ़ावा दिया है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया है। बंदरगाह ने लाखों लोगों को रोजगार प्रदान किया है और क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस डाक टिकट के माध्यम से, भारत पोस्ट ने मुंद्रा बंदरगाह के विकास और देश के आर्थिक विकास में इसके योगदान को सराहा है।

डाक टिकट की खासियतें

यह स्मारक डाक टिकट मुंद्रा बंदरगाह के परिवर्तन की कहानी को बयां करता है। डाक टिकट में बंदरगाह के विकास के विभिन्न चरणों को दर्शाया गया है। इसके साथ ही, एक विशेष कवर और मोहर भी जारी की गई है।

आने वाले समय में मुंद्रा बंदरगाह के और अधिक विकास की उम्मीद है। अदानी समूह ने बंदरगाह के विस्तार के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा और आधुनिक बंदरगाह बन जाएगा।

मुंद्रा बंदरगाह को डाक टिकट के माध्यम से मिली सम्मानजनक पहचान, भारत के विकास में बंदरगाहों के महत्व को रेखांकित करती है। यह डाक टिकट न केवल मुंद्रा बंदरगाह की सफलता का प्रतीक है बल्कि देश के आर्थिक विकास की कहानी को भी बयां करता है।