सूरत : व्यापारी भाईयों को 6 महीने में 9.40 करोड़ की राशि समाधान कर दिलवाई

साप्ताहिक मीटिंग में आयकर-जीएसटी एवं इंश्योरेंस के विशेषज्ञों ने व्यापारियों को जानकारी दी 

सूरत : व्यापारी भाईयों को 6 महीने में 9.40 करोड़ की राशि समाधान कर दिलवाई

सूरत मर्कनटाइल एसोसिएशन की 185वीं नियमित  साप्ताहिक समस्या समाधान मीटिंग का आयोजन व्यापारी भाईयों की निःस्वार्थ सेवा में रविवार 6 अक्टूबर 2024 को प्रातःकाल 9.30 से 10.30  बजे तक माहेश्वरी भवन,बोर्ड रुम पहला माला पर सीटी लाइट के प्रांगण में "एस एम ए"  प्रमुख  नरेन्द्र साबू व उनकी पूरी पंच पैनल एवं कोर कमेटी टीम की अगुवाई में आयोजित की गई है। मीटिंग में 124 व्यापारी भाईयों की सादर उपस्थिति रही और 10 आवेदन पत्र समस्या समाधान हेतु पर सुनवाई हुई, जिसमें से 1 आवेदन का समाधान तुरंत बातचीत द्वारा किया तथा  बकाया आवेदन मामलें पंच पैनल एवं  लीगल टीम को सौंप दिये गये हैं, जो की समयानुसार समाधान प्रक्रिया में आ जायेंगे।

 मीटिंग में प्रथम संगठन के वित्तीय वर्ष का 6 महीने का लेखा-जोखा बताया गया। लगातार हर सप्ताह मीटिंग हो रही है, जिसमें 332 व्यापारियों ने जानकारी दी कि उनका लगभग 9 करोड़ 40 लाख रुपए संगठन द्वारा समाधान करवा कर दिलवाया गया है जिस पर पूरे सदन ने करतल ध्वनि से स्वागत किया।

अंत में अपने अध्यक्षीय संबोधन में नरेंद्र साबू ने बताया कि अपने सभी व्यापारी भाइयों व उनके परिवार का दायित्व बनता है समाज को आगे ले जाने के लिए सभी को अपनी नई पीढ़ी शिक्षित व संस्कारी बनाना पड़ेगा जिससे समाज और देश को नई दिशा दें सकें। 

मीटिंग का समापन स्वादिष्ट शानदार अल्पाहार के साथ सम्पन्न हुआ। मीटिंग में "एसएमए" परिवार के अशोक गोयल, राजीव उमर, महेश पाटोदिया, राजकुमार चिरानिया, दुर्गेश टिबडेवाल, रामकिशोर बजाज, घनश्याम माहेश्वरी, संजय अग्रवाल, अरविंद जैन सहित समाज के गणमान्य लोगों में राजाराम लाहोटी, सुंदर लाहोटी, राम अवतार साबू, विमला देवी साबू, नीरू साबू, शैला मानधाना, संतोष जाजू, मधु राठी, सरिता दरगड आदि सहित  समाज के काफी अन्य बंधु भी मौजूद थे। 

मरीन इंश्योरेंस में सुधार की जरुरत : नरेन्द्र साबू 

इंश्योरेंस की बात पर व्यापक चर्चा करते हुये "एसएमए" अध्यक्ष नरेंद्र साबू ने बताया कि मरीन इंश्योरेंस में जो सबसे बड़ी तकलीफ आती है, अगर 1 लाख या उससे ज्यादा का माल है तो आपको जहां पर तकलीफ आई है वहां पर जाकर पुलिस फरियाद करनी पड़ेगी। व्यापारी 7 दिन तक माल नहीं उठाता था तो उसे कोई क्लेम नहीं मिलता है, जो कि बिल्कुल नाजायज है। अगर व्यापारी ने 7 दिन तक माल नहीं उठाया उसके बाद वह बिल्कुल क्लेम नहीं कर पाएगा। यह चीज बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। इस समस्या का इंश्योरेंस कंपनी को तुरंत सुधारना चाहिए नहीं तो मरीन इंश्योरेंस का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। 

सीए आकाश अग्रवाल ने आयकर-जीएसटी में हुए संशोधन की जानकारी दी 

मीटिंग में मुख्य मेहमान चार्टर्ड अकाउंटेंट आकाश अग्रवाल की उपस्थिति रही। आपने अपने उदबोधन में चालू वित्तीय वर्ष में 1 अक्टूबर से इनकम टैक्स, जीएसटी और राष्ट्रीय सेविंग्स स्कीम में संशोधन आया है उसकी जानकारी देते हुए बताया कि 1 अक्टूबर 2024 से आयकर कानून में कई बदलाव हुए हैं, लेकिन कपड़ा बाजार के व्यापारियों पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए, उनमें से बहुत कम ही दैनिक मामलों में ध्यान देने योग्य होंगे। 1-10-2024 के बाद के इनवॉइस के लिए ब्रोकरेज पर टीडीएस दर 5 प्रतिशत से घटकर 2 प्रतिशत हो गई है। 

जीएसटी कानून के तहत व्यापक प्रभाव वाला दूसरा बदलाव इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम (आईएमएस) की उपलब्धता है, जिसमें अब करदाता के पास इनवॉइस को स्वीकार करने, अस्वीकार करने या GSTR 2B में उपलब्ध के रूप में लंबित रखने का विकल्प होगा। आईएमएस का यह सिस्टम फिलहाल वैकल्पिक है। GST कानून के तहत हाल ही में पारित किया गया एक अन्य महत्वपूर्ण अधिसूचना, माफी योजना है, जिसमें करदाता को धारा 73 के तहत जारी किसी भी नोटिस पर ब्याज और जुर्माना नहीं देना होगा, यदि करदाता नोटिस में निर्धारित कर का पूरा भुगतान करने के लिए सहमत है।

 

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