नई दिल्ली : राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर मां के पैर छूकर वायु सेना प्रमुख ने किया सैल्यूट

वायु योद्धाओं ने शानदार औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया

नई दिल्ली : राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर मां के पैर छूकर वायु सेना प्रमुख ने किया सैल्यूट

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (हि.स.)। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित कर भारतीय वायु सेना के शीर्ष पद पर अपनी यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने स्मारक पर अपनी मां पुष्पंत कौर के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और उन्हें सैल्यूट किया। इसके बाद वायु सेना मुख्यालय में वायु योद्धाओं ने उन्हें शानदार औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जो उनकी कमान की शुरुआत और बल के लिए एक नए अध्याय का प्रतीक था।

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने आज सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्प अर्पित करके उन बलिदानियों का सम्मान किया, जो उनके नेतृत्व को प्रेरित करते हैं। उन्होंने एक दिन पहले 30 सितंबर को वायु सेना प्रमुख का पदभार संभाला है। उन्होंने चार्ज संभालने के बाद वायु सेना कमांडरों से वर्तमान अनिश्चित भू-राजनीतिक स्थिति पर ध्यान देने का आह्वान किया, ताकि भारतीय वायु सेना परिचालन में सक्षम, सदैव सतर्क और विश्वसनीय निवारक बनी रहे। वायु सेनाध्यक्ष ने सभी वायु योद्धाओं से महान सेवा की परंपराओं का पालन करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि हम सब मिलकर 'गौरव के साथ आसमान को छूएं'। वायु सेना प्रमुख का पद संभालने से पहले वह वायु सेना के उप प्रमुख थे।

एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और भारतीय नौसेना के सभी कर्मियों ने एयर चीफ मार्शल एपी सिंह को भारतीय वायु सेना की कमान संभालने पर हार्दिक बधाई दी। जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के सभी रैंकों ने एयर चीफ मार्शल एपी सिंह को 28वें वायु सेना प्रमुख के रूप में भारतीय वायु सेना की कमान संभालने पर बधाई दी। एचएएल ने एयर चीफ मार्शल एपी सिंह को वायु सेना प्रमुख का पदभार संभालने पर बधाई दी। अपने चार दशकों के करियर के दौरान सीएएस ने मुख्यालय दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में एयर डिफेंस कमांडर और पूर्वी वायु कमान में वरिष्ठ एयर स्टाफ ऑफिसर के रूप में स्टाफ नियुक्तियां की हैं। उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम) और अतिविशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) से सम्मानित किया जा चुका है।

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह दिसंबर, 1984 में लड़ाकू विमान में शामिल होने वाले प्रायोगिक परीक्षण पायलट हैं और उनका चार दशकों का शानदार करियर रहा है। वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। वे एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक और प्रायोगिक परीक्षण पायलट हैं, जिन्होंने विभिन्न प्रकार के फिक्स्ड विंग और रोटरी विंग विमानों पर 5000 से अधिक घंटों की उड़ान भरी है। उनके परिचालन कार्यकाल में मिग-27 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर और एक एयर बेस के एयर ऑफिसर कमांडिंग शामिल हैं। एक परीक्षण पायलट के रूप में उन्होंने मास्को में मिग 29 अपग्रेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम का नेतृत्व किया। वह तेजस की उड़ान परीक्षण की देखरेख करते हुए राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र में परियोजना निदेशक (उड़ान परीक्षण) भी थे।

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