सूरत : भगवान पापियों का विनाश करते ही हैं इसलिए व्यक्ति को सदा सन्मार्ग पर ही चलना चाहिए : स्वामी अवधेशानंद गिरिजी
वेसू में सात दिवसीय श्री रामकथा की पूर्णाहुति
शहर के वेसू क्षेत्र में श्री श्याम अखंड ज्योत सेवा समिति के तत्वावधान में सूरत क्षेत्र में छात्रावास के निमार्ण हेतु पिछले सात दिन से चल रही रामकथा में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरिजी महाराज ने अपने मुखारविंद से भगवान राम की महिमा को बताते हुए कथा समापन किया। ज्ञाचार्य ने वेद मंत्रों के यज्ञ के हवन कुंड में यजमानों द्वारा पूर्णाहुति दी गई। यज्ञ के हवन कुंड में आहुति देने के साथ चल रही कथा का भी समापन हो गया। अंतिम दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
सोमवार को व्यासपीठ से जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरिजी महाराज ने बड़ा ही मनोरम प्रसंग सुनाया कि स्वाध्याय, सद विचार ही तप है। गुरू योग्यता, पात्रता, साधन के अनुसार आपको विधि बता देंगे उसे करते रहना है। सबरी को उनके गुरू ने केवल स्मरण बताया था। भगवान सबरी को उसकी श्रद्धा का फल देते हैं। सेवा अहंकार नहीं होता, सेवा में विनय होता है। जीवन में अगर हम भी अपने हदय भवन में सीता सहित राम को धारण कर लेवें, तो हमारा जीवन सफल हो जाए, जो राम जी का कृपा पात्र बन जाता है उस पर सारा जगत कृपा बरसाता है।
महाराजजी ने कहा कि पापियों के पाप का घड़ा आखिर भरता ही है। उसके पाप ही उस व्यक्ति के अंत का कारण बन जाते है। भगवान पापियों का विनाश करते ही हैं। इसलिए व्यक्ति को सदा सन्मार्ग पर ही चलना चाहिए। मानव जीवन पाया है तो मानव जीवन को साकार करने का एक मात्र सहारा राम का नाम ही है।
आज रामकथा के मुख्य यजमान श्याम सुंदर अग्रवाल, प्रदीप अग्रवाल, रोशन मोदी, दिनेश अग्रवाल, निर्मल अग्रवाल, राजू डोकानियां को महाराज श्री ने दुपट्टा ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह रूप में आशीर्वाद दिया। इससे पूर्व साइलेंट जोन में महाराज ने सभी संस्था के सदस्यों को आशीर्वाद दिया। साथ ही भक्तों को तुलसी कलश का भी वितरण किया गया।