सूरत : अडानी और बॉम्बार्डियर, भारत के विमानन क्षेत्र में नई उड़ान

आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए अडानी समूह और बॉम्बार्डियर के बीच गठबंधन

सूरत : अडानी और बॉम्बार्डियर, भारत के विमानन क्षेत्र में नई उड़ान

सूरत। भारत के उद्योग जगत के दिग्गज गौतम अडानी और वैश्विक विमानन दिग्गज बॉम्बार्डियर इंक के सीईओ एरिक मार्टेल के बीच हुई बैठक ने देश के विमानन क्षेत्र में एक नई उड़ान की शुरुआत की है। इस उच्च स्तरीय बैठक में दोनों कंपनियों ने भारत के विमानन क्षेत्र को मजबूत बनाने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई।

बैठक में विमानन सेवाओं, रक्षा क्षेत्र, विमानों के रखरखाव और मरम्मत जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। गौतम अडानी ने इस साझेदारी को भारत के विमानन क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियां मिलकर भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर देश बनाने की दिशा में काम करेंगी।

बैठक में भारत में एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) सुविधाओं को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। वर्तमान में भारत विदेशी एमआरओ सेवाओं पर निर्भर है, जिससे एयरलाइनों को उच्च लागत और अधिक समय लगता है। अडानी समूह इस दिशा में एक मजबूत घरेलू एमआरओ पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए काम कर रहा है।

अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस, अडानी समूह की सहायक कंपनी, रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति कर रही है। कंपनी का लक्ष्य भारत को विश्व स्तरीय उच्च तकनीक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करना है। बॉम्बार्डियर के साथ साझेदारी से अडानी डिफेंस को रक्षा क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

बॉम्बार्डियर विमान डिजाइन और निर्माण में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। कंपनी के 'चैलेंजर' और 'वैश्विक' विमानों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। बॉम्बार्डियर के साथ साझेदारी से भारत को आधुनिक विमानन तकनीक का लाभ मिलेगा और देश के विमानन क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा।

अडानी समूह और बॉम्बार्डियर के बीच हुई यह बैठक भारत के विमानन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। दोनों कंपनियों के बीच साझेदारी से भारत में विमानन सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान होगा।