सूरत : साइबर अपराधों से बचाव के लिए जागरूकता सेमिनार
एसजीपीसी ने साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए आयोजित किया सेमिनार
सूरत: दक्षिण गुजरात उत्पादकता परिषद (एसजीपीसी) ने हाल ही में साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे से आम जनता को जागरूक करने के लिए एक महत्वपूर्ण सेमिनार आयोजित किया। यह सेमिनार भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तत्वावधान में काम करने वाली राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद से संबद्ध है।
सेमिनार में प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय साइबर कानून विशेषज्ञ डॉ. स्नेहल एच. वकीलना ने साइबर अपराधियों द्वारा अपनाई जाने वाली विभिन्न तकनीकों और धोखेबाजी के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि कैसे साइबर अपराधी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, डेटिंग वेबसाइटों और अन्य ऑनलाइन माध्यमों का उपयोग करके लोगों को ठगते हैं।
डॉ. वकीलना ने डिजिटल गिरफ्तारी, ऑनलाइन ऑडिशन, तत्काल ऋण घोटाले, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित घोटालों जैसे नवीनतम साइबर अपराधों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने डीपफेक तकनीक का उपयोग करते हुए फर्जी गिरफ्तारियों और निवेश घोटालों के बारे में भी बताया।
सेमिनार में हाजिर लोगों ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बरती जाने वाली सावधानियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका के बारे में भी चर्चा की। एसजीपीसी के अध्यक्ष नीरव राणा ने सेमिनार में आए सभी अतिथियों का स्वागत किया और साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया।
संस्था के पूर्व अध्यक्ष अमरनाथ डोरा, डॉ. स्नेहल एच. वकिलना विशिष्ट अतिथि डॉ. धनसुख सोलंकी, अनिल सरावगी, शरद कपाड़िया आदि गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। अतिथि विशेष धनसुख सोलंकी ने डॉ. स्नेहल वकीलना के कार्य की सराहना करते हुए संस्था से ऐसे और जन जागरूकता कार्यक्रम करने का आग्रह किया।
उपस्थित श्रोताओं ने विभिन्न प्रश्नों के साथ अपने अनुभव बताये तथा उनके समाधान प्राप्त किये। संस्था के उपाध्यक्ष दिलीप चश्मावाला ने उपस्थित सदस्यों को धन्यवाद देकर सेमिनार का समापन किया।