सूरत : कलम के कारीगर, सूरत के भविष्य के साहित्यिक मंचों की उम्मीद

"कलम के कारीगर" कार्यक्रम ने बांधा श्रोताओं को

सूरत : कलम के कारीगर, सूरत के भविष्य के साहित्यिक मंचों की उम्मीद

सूरत: 22 सितंबर 2024 को सूरत में "कलम के कारीगर" नामक एक अद्वितीय साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहाँ शहर के कुछ सबसे प्रतिभाशाली कवियों ने अपनी बेहतरीन रचनाओं का पाठ किया। इस कार्यक्रम की मेजबानी पवन टेलर ने की, जिन्होंने अपनी प्रभावशाली शैली से पूरे आयोजन को और भी यादगार बना दिया। 

इस कार्यक्रम में ज़ैद मालिक, अमन द्विवेदी, यूसुफ अंसारी, वरुण जोशी, और सागर सुरती जैसे कवियों ने अपने अनोखे अंदाज़ और विविध साहित्यिक शैली से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन कवियों ने अपनी कविताओं में समाज, संस्कृति, प्रेम और समकालीन मुद्दों को छूते हुए अद्वितीय अभिव्यक्ति प्रस्तुत की। ज़ैद मालिक की संवेदनशीलता, अमन द्विवेदी की विचारशीलता, यूसुफ अंसारी की गहरी समझ, वरुण जोशी की सादगी और सागर सुरती की नई दृष्टिकोण से भरी कविताएँ दर्शकों के दिलों को छू गईं। 

यह कार्यक्रम यह साबित करता है कि सूरत साहित्यिक मंचों पर अपनी मजबूत उपस्थिति बना रहा है और इन कवियों के रूप में सूरत के पास साहित्यिक भविष्य की एक उज्ज्वल उम्मीद है। इनकी प्रतिभा न केवल सूरत के मंचों तक सीमित रहेगी, बल्कि वे देश भर के विभिन्न साहित्यिक मंचों पर भी सूरत का नाम रोशन करेंगे। 

"कलम के कारीगर" जैसे आयोजन साहित्यिक दुनिया में नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बनते हैं, और इन कवियों की उपस्थिति यह आश्वासन देती है कि आने वाले वर्षों में सूरत साहित्यिक जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखेगा।

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