सूरत के कपड़ा उद्योग को मिलेगा नया आयाम, वॉटरजेट लूम्स से बढ़ेगी उत्पादकता

उच्च मूल्य वाले टाफेटा कपड़ों के निर्यात के लिए एक सुनहरा अवसर : आशीष गुजराती

सूरत के कपड़ा उद्योग को मिलेगा नया आयाम, वॉटरजेट लूम्स से बढ़ेगी उत्पादकता

सूरत : दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के गुजरात फैब्रिक रिसोर्स एंड रिसर्च सेंटर (जीएफआरआरसी) ने हाल ही में 'वॉटरजेट लूम्स: दक्षता वृद्धि और उत्पाद नवाचार' विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया। इस सेमिनार का उद्देश्य सूरत के कपड़ा उद्योग को वॉटरजेट लूम्स की नवीनतम तकनीकों और उनके लाभों से अवगत कराना था।

मुख्य अतिथि के रूप में सूरत ऑटोलूम्स वीवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय देसाई ने भाग लिया। विशेषज्ञ वक्ता के रूप में चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष एवं आदित्य होम टेक्सटाइल के प्रबंध निदेशक आशीष गुजराती ने कपड़ा उद्योग का मार्गदर्शन किया।

सेमिनार में चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने कहा कि वॉटरजेट लूम्स ने कपड़ा निर्माण में क्रांति ला दी है। ये लूम्स न केवल उत्पादन की गति बढ़ाते हैं बल्कि कपड़े की गुणवत्ता में भी सुधार करते हैं। उन्होंने कहा कि सूरत को अपने कपड़े को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए स्वचालन मशीनरी जैसे वॉटरजेट और एयरजेट को अपनाना चाहिए।

सेमिनार में मुख्य अतिथि सूरत ऑटोलूम्स वीवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय देसाई ने वॉटरजेट लूम्स की दक्षता बढ़ाने के लिए आवश्यक उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अनुचित मशीनरी का उपयोग, पानी की गुणवत्ता में कमी और श्रमिकों की कमी जैसी समस्याओं के कारण वॉटरजेट लूम्स की कार्यक्षमता कम हो जाती है।

सेमिनार में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष एवं आदित्य होम टेक्सटाइल के प्रबंध निदेशक आशीष गुजराती ने कहा कि वैश्विक कपड़ा बाजार में उच्च मूल्य वाले टाफेटा कपड़ों की मांग तेजी से बढ़ रही है और सूरत के पास इस अवसर का पूरा लाभ उठाने का एक सुनहरा मौका है। उन्होंने कहा कि सूरत के पास इस कपड़े के उत्पादन के लिए पूरी मूल्य श्रृंखला मौजूद है। 

 आशीष गुजराती ने कहा कि भारत का कपड़ा बाजार साल 2030 तक लगभग 19 लाख करोड़ का हो जाएगा, जिसमें कपड़ा निर्यात 100 अरब डॉलर तक होने का अनुमान है। चीन के बाद सूरत दुनिया का सबसे बड़ा एमएमएफ उत्पादक शहर होने के साथ, सूरत के पास अच्छे एमएमएफ वस्त्रों का उत्पादन करके नंबर एक स्तर तक पहुंचने का एक शानदार अवसर है।

जीएफआरआरसी के अध्यक्ष गिरधर गोपाल मूंदड़ा ने जीएफआरआरसी की गतिविधियों एवं कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने उद्योगपतियों से निर्यातोन्मुख वस्त्रों का उत्पादन करने और उन्हें दुनिया भर में निर्यात करने की दिशा में प्रयास करने का आह्वान किया।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी, मानद कोषाध्यक्ष मृणाल शुक्ला, सभी प्रदर्शनियों के अध्यक्ष बिजल जरीवाला, चैंबर के पूर्व अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला, जीएफआरआरसी के सह-अध्यक्ष भागीरथ कलथिया और कपड़ा उद्योगपति और व्यापारी उपस्थित थे। अंत में वक्ता आशीष गुजराती द्वारा उपस्थित लोगों के सभी प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया गया। चैंबर की जीएफआरआरसी समिति के सह-अध्यक्ष अतुल पटेल ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देकर सेमिनार का समापन किया।

 

Tags: Surat SGCCI