सूरत : गणेश भक्तों का ड्रेस कोड गारमेन्ट इंडस्ट्री के लिए अवसर 

गणेशोत्सव के दौरान 15 से 20 करोड़ के कारोबार का अनुमान

सूरत : गणेश भक्तों का ड्रेस कोड गारमेन्ट इंडस्ट्री के लिए अवसर 

सूरतवासी पूरे वर्ष जिनकी आतुरता से राह देखते हैं वह गणेश उत्सव आज (शनिवार) 7 सितंबर से प्रारंभ होने जा रहा है। मुंबई के बाद गणेश उत्सव का आयोजन सूरत में बड़े स्तर पर किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि गणेशोत्सव के दरम्यान छोटे-बड़े अनेक लोगों को रोजगार का अवसर भी मिलता है।  गणपति बप्पा का यह पर्व सूरत कपड़ा उद्योग विशेषकर गारमेंट इंडस्ट्री के लिए भी आशीर्वाद सामान साबित हो रही है। पिछले कुछ वर्षों से गणेश भक्तों  में ड्रेस कोड का क्रेज देखने को मिल रही है, जिसमें गणेश भक्त अलग-अलग प्रकार के टीशर्ट पहनकर अपने आप को दूसरे से अलग दिखाने का प्रयास करते हैं। मंडलों के अलावा सोसायटियों एवं बड़े भवनों में संस्कृति समिति ने नेतृत्व में पारंपरिक कुर्ता-पायजामा आजि का भी प्रचलन बढ़ रहा है। 

पहले सूरत के गणेश भक्तों में जो टी शर्ट की मांग निकलती थी वह दिल्ली, त्रिपुरा से मंगाई जाती थी, लेकिन सूरत भी अब गारमेंट इंडस्ट्री के हब के रूप में विकसित हो रहा है, जिससे गणेश भक्तों की होने वाली टी शर्ट की मांग का सीधा फायदा स्थानीय कपड़ा बाजार को हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक सूरत में लगभग 10000 जितने छोटे-बड़े गणेश मंडल हैं, जिनमें से तकरीबन 5000 मंडलों के सदस्यों की ड्रेस कोड में पहली पसंद शर्ट होती है। एक-एक मंडलों में दर्जनों टी शर्ट की मांग होती है। एक शर्ट की कीमत 100 से 150 रुपए की आसपास होती है। 

टी शर्ट, खेस,टोपी, माथा पट्टी की बड़ी मात्रा में होती है मांग  : हरिहर पाल

गारमेन्ट इंडस्ट्री से जुड़े टी शर्ट कारोबारी हरिहर पाल ने लोकतेज को बताया कि गणेशोत्सव के दौरान गणपति बप्पा के चित्र वाले टी शर्ट, खेस,टोपी, माथा पट्टी आदि की बड़ी मात्रा में मांग होती है। एक-एक गणेश मंडलों से 100 से 200 टी शर्ट लेते हैं। सूरत के अलावा दिल्ली, इंदौर, अहमदाबाद में भी टी शर्ट एवं खेस आदि की खूब मांग होती है। सूरत से टी-शर्ट का व्यापार समझे तो उत्सव के दौरान तकरीबन 15 से 20 करोड़ का कारोबार होता है। जबकि सभी मंडियों का मिलाकर 70 से 80 करोड़ का कारोबार होता है। उन्होंने बताया कि सूरत में स्टीचिंग यूनिट कम होने के कारण कास्टिंग अधिक पड़ता है जिससे सूरत में टी शर्ट कम बनती है। हालांकि सभी प्रकार के रॉ मटिरियल उपलब्ध होने के कारण अब यहां के टेक्सटाइल उद्यमी गारमेन्ट इंडस्ट्री की रुख कर रहे हैं। 

सूरत में 10 हजार रजिस्टर्ड मंडल हैं : योगेन्द्र साहनी 

गणेश उत्सव समिति सूरत के महामंत्री योगेंद्र साहनी ने लोकतेज को बताया कि हमारे समिति में तकरीबन 250 से 300 सदस्य हैं, जिनके लिए केसरी टी शर्ट, बैच, आदि खरीदे गए हैं। गणेशोत्सव के अलावा अन्य राष्ट्रीय एवं धार्मिक उत्सवों पर सभी सदस्यों को टी शर्ट, खेस आदि खरीदे जाते हैं। उन्होंने कहा कि सूरत में 10 हजार रजिस्टर्ड गणेशोत्सव मंडल हैं। प्रत्येक मंडल अपने सदस्यों के लिए टी शर्ट, कुर्ता, जैकेट आदि अलग-अलग वस्तुएं खरीदते हैं। इसके अलावा लाइटिंग, डीजे, बैंडबाजा आदि के साथ हर मंडल अपनी क्षमता के अनुसार 50 हजार से लेकर 20-30 लाख रुपये भी खर्च करते हैं। इस प्रकार बड़े 
पैमाने पर लोगों को रोजगार का श्रृजन होता है।  

सिंफोनिया संस्कृति समिति ने बनवाया कुर्ता

वेसू स्थित सिंफोनिया संस्कृति समिति के सूर्यकांत मकवाना, एसपी सिंह एवं संदीप मेहरोत्रा ने बताया कि सिंफोनिया परिवार द्वारा सभी राष्ट्रीय एवं धार्मिक पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस के अलावा श्री कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश उत्सव, नवरात्रि उत्सव आदि सभी धार्मिक कार्यक्रम उत्साह के साथ मनाई जाती है। गौरव मेहरोत्रा एवं परेश रावल ने बताया कि इन अवसरों पर समिति की ओर से कोई ड्रेस कोड तो अभी नहीं है, लेकिन सभी सदस्यों के लिए कुर्ता बनवाए गए थे। सिंफोनिया परिवार के तकरीबन 70 से 80 लोगों ने गणेशोत्सव पर्व पर कुर्ता की खरीदी की है। कुल मिलाकर कपड़ा से लेकर माली, कुम्हार, टेन्ट वाले आदि सहित अनेकों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार का लाभ मिलता है। 

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