सूरत : वराछा बैंक द्वारा निदेशक मंडल और प्रबंधन मंडल के सदस्यों के लिए सुशासन पर हुआ सेमिनार 

आरबीआई की नीतियों और विनियमों का बैंक में हर स्तर पर पालन किया जाना चाहिए : सीए मिलिंदभाई काले

सूरत : वराछा बैंक द्वारा निदेशक मंडल और प्रबंधन मंडल के सदस्यों के लिए सुशासन पर हुआ सेमिनार 

गुजरात की गतिशील सहकारी बैंकों में से एक वराछा को-ऑप बैंक लिमिटेड, सूरत द्वारा निदेशक मंडल और प्रबंधन बोर्ड के सदस्यों के लिए "सुशासन" पर एक सेमिनार का आयोजन गत 3 सितंबर को गोवा में किया गया था। इस सेमिनार में अतिथि वक्ता के रूप में सीए मिलिंदभाई काले उपस्थित थे। सीए मिलिंद काले देश के दूसरे सबसे बड़े सहकारी बैंक द कॉसमॉस को-ऑप बैंक लिमिटेड के साथ 1999 से जुड़े हुए हैं और वर्तमान में चेयरमैन पद संभाल रहे हैं। साथ ही साथ नेशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक्स एंड क्रेडिट सोसाइटीज (NAFCUB), नई दिल्ली के  उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। इसके अलावा वे को-ऑपरेटिव बैंक ऑफ इंडिया, नई दिल्ली एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट इन को-आपरेटिव बैंक संस्था के वाइस चेयरमैन के रुप में अपनी सेवा दे रहे हैं। सहकारी क्षेत्र के विभिन्न संगठनों में कार्यरत होकर सहकारी क्षेत्र के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

बैंक के अध्यक्ष भवानभाई नवापरा, उपाध्यक्ष जी. आर. आसोदरिया, प्रबंधन मंडल के अध्यक्ष कानजीभाई भालाडा और निदेशक पी. बी. ढाकेचा द्वारा अतिथि वक्ता सीए मिलिंदभाई काले का अभिनंदन किया गया। बैंक के अध्यक्ष भवानभाई नवापरा ने स्वागत भाषण दिया और अतिथि वक्ताओं के साथ-साथ निदेशकों और प्रबंधन सदस्यों का स्वागत किया। आज सहकारी बैंकों के सामने आने वाली चुनौतियों और बैंकिंग पर उनके प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए वराछा बैंक के बीओएम अध्यक्ष कानजीभाई भालाडा ने मुख्य अतिथि सीए मिलिंद काले का परिचय उपस्थित सभी अतिथियों से परिचय कराया और द कॉसमॉस को-ऑप बैंक की सफल यात्रा के बारे में बात की। 

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सीए मिलिंद काले ने सुशासन के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि आरबीआई की नीतियों और विनियमों का बैंक में हर स्तर पर सूचित और पालन किया जाना चाहिए। बैंक के बीओडी एवं बीओएम सदस्यों का समन्वय बैंक की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं बैंक की प्रगति को गति देने के लिए बैंक कर्मचारी की कार्यकुशलता में वृद्धि महत्वपूर्ण हो जाती है। हाल के दिनों में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग कर सुशासन को बढ़ाने का आग्रह किया।

इस सेमिनार में आयोजित सवाल-जवाब सत्र में निदेशकों और प्रबंधन सदस्यों ने भाग लिया और कई सवालों के जवाब मिलिंदभाई काले ने दिए। अंत में बैंक के उपाध्यक्ष जीआर आसोदरिया ने उपस्थित अतिथि वक्ता एवं सभी निदेशकों एवं प्रबंधन सदस्यों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का सुन्दर संचालन निदेशक कांतिभाई मारकना ने किया।

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