सूरत : लक्ष्मीपति ग्रुप ने रखा गारमेंट्स इंडस्ट्री में कदम

बीएसएल के प्रतिनिधि मंडल ने किया लक्ष्मीपति एपेरल यूनिट का दौरा

सूरत : लक्ष्मीपति ग्रुप ने रखा गारमेंट्स इंडस्ट्री में कदम

 सूरत को गारमेंट क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनाने बीएसएल प्रतिबद्ध 

टेक्सटाइल क्षेत्र में प्रख्यात औद्योगिक नगर सूरत अब गारमेंट्स की ओर भी रुख करने लगा है। सूरत की प्रतिष्ठित लक्ष्मीपति ग्रुप ने गारमेन्ट इंडस्ट्रीज में कदम रखा है। पूरे विश्व में गारमेंट में विपुल अवसर को देखते हुए कपड़ा उद्यमी अब साड़ियों के साथ-साथ गारमेंट इंडस्ट्री में कदम रख रहे हैं। बुधवार 28 अगस्त को ब्रांड सोर्सिंग लीडर एसोसिएशन (बीएसएल) के एक प्रतिनिधि मंडल समेत विभिन्न ब्रांडों के अधिकारियों ने लक्ष्मीपति अपैरल गारमेंट यूनिट का दौरा किया। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय ब्रांडों द्वारा बड़े पैमाने पर आर्डर भी दिया गया है। सभी ने लक्ष्मीपति अपैरल को सभी मानकों पर खरे उतरने पर गारमेंट क्षेत्र में उंचाईयां पाने की अग्रिम बधाई दी।

बीएसएल के रमनदत्ता ने बताया कि बीएसएल में डोमेस्ट्रिक और इंटरनेशनल परिधान एवं टेक्सटाइल ब्रांडों के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। विशेष रूप से बीएसएल एक अनूठा संगठन है जो वैश्विक और स्थानीय दोनों ब्रांड लीडरों को एक मंच पर लाता है। उनकी विविध सदस्यता में 400 से अधिक प्रसिद्ध ब्रांडों और सोर्सिंग आफिस के प्रतिनिधि शामिल हैं।

प्रतिनिधि मंडल की स्मिता वर्मा ने बताया कि साड़ी पहले बहुत बड़ा मार्केट था। लेकिन हाल के दिनों में  नई पीढ़ी साड़ी के साथ अन्य प्रोडक्ट का उपयोग कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मार्केट की डिमांड के अनुरुप गुणवत्तायुक्त माल प्रदान नहीं की तो पूरा प्रोडक्शन धरी के धरी रह जाती है। लेकिन हम बायर्स के साथ का सालों के अनुभव के चलते सभी की डिमांड हमें पता रहती है। गारमेंट में चाइना का बिजनेस 180 बिलियन डॉलर है, जबकि भारत 14 बिलियन डॉलर का ही एक्सपोर्ट कर पा रहा है। 

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बीएसएल प्रतिनिधि मंडल के साथ लक्ष्मीपति अपैरल प्रबंधन टीम की बैठक हुई : राकेश सरावगी

लक्ष्मीपति अपैरल के राकेश सरावगी ने बताया कि बीएसएल प्रतिनिधि मंडल के साथ लक्ष्मीपति अपैरल प्रबंधन टीम की बैठक हुई। बैठक में कौशल विकास, वैश्विक बाजार अनुसंधान, बुनियादी ढांचे में वृद्धि, निर्यात, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, स्थिरता, सरकारी समर्थन और गुणवत्ता नियंत्रण जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत के गारमेंट क्षेत्र को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर चर्चा की गई। चर्चा का फोकस कपड़ा उद्योग के लिए प्रधानमंत्री के फाइव एफ विजन के अनुरूप वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र के उत्थान पर था। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस अब एक्सपोर्ट पर ज्यादा रहेगा। सूरत के उद्यमियों के लिए गारमेंट में ज्यादा अवसर है। रॉ मटेरियल्स, ट्रांसपोर्टेशन समेत सभी चीजों की अनुकूलता के चलते आगामी दिनों में सूरत साड़ियों के साथ-साथ गारमेंट इंडस्ट्री में नई उंचाईयां हासिल करेगा। फिलहाल हमारे द्वारा 800 मशीनरी कार्यरत है। स्मिता वर्मा, जतीन कश्यप सहित प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने लक्ष्मीपति ग्रुप इंडस्ट्री का दौरा किया।  

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इंडिया की जीडीपी बढ़ानी है तो टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ाना होगा

कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला टेक्सटाइल उद्योग है। कृषि के साथ इस उद्योग को भी बढ़ाने से ही भारत की जीडीपी ग्रोथ बढ़ेगी। महिलाएं खेतों में काम करती है तो वह पंखे, एसी के नीचे स्टिचिंग, बुटीक आदि का काम क्यों नहीं करेंगी, उनके लिए अवसर उपलब्ध कराना जरूरी है। सूरत में सभी प्रकार के रॉ मटेरियल उपलब्ध है तो इंडस्ट्रीज में इसको स्टैंड होने में समय नहीं लगेगा। लक्ष्मीपति ग्रुप हाल में ड्रेसेस, टॉप-बॉटम सहित अनेक प्रकार के लेडिज आयटम का उत्पादन करेगा। बायर्स को कपड़े की क्वालिटी सूरत में पर्याप्त मिलेगी। सूरत में बहुत कुछ है बहुत कुछ करना भी शेष है। 

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