सभी जिलों में ‘सहकारी संस्थाओं के बीच सहकार’ शुरू करेगी गुजरात सरकार

बनासकांठा और पंचमहल जिलों के सहकारी संस्थाओं में 1700 से अधिक माइक्रो एटीएम किए गए स्थापित

सभी जिलों में ‘सहकारी संस्थाओं के बीच सहकार’ शुरू करेगी गुजरात सरकार

गांधीनगर, 16 जुलाई (हि.स.)। गुजरात सरकार ने बनासकांठा और पंचमहल में पायलट प्रोजेक्ट ‘सहकारी संस्थाओं के बीच सहकार’ की सफलता के बाद अब इसे राज्य के शेष जिलों में लागू करने का निर्णय किया है। गुजरात सरकार की इस पहल के सफल प्रयोग से इन दोनों जिलों के जिला सहकारी बैंकों में सहकारी संस्थाओं और उनके सक्रिय सदस्यों द्वारा 4 लाख से अधिक नए खाते खोले गए, जिसके परिणामस्वरूप सहकारी बैंकों में जमा राशि में 966 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हो गई।

गुजरात के सहकारिता मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने सहकार क्षेत्र की उपलब्धियों पर कहा कि मजबूत सहकारी क्षेत्र विकसित गुजरात की नींव में मजबूत स्तंभ साबित हो सकता है, जो विकसित भारत को साकार करने में सहायक सिद्ध होगा।

यह है ‘सहकारी संस्थाओं के बीच सहकार’ पहल

इस पहल का उद्देश्य जिला और राज्य सहकारी बैंकों के तत्वावधान में उनके बैंक खातों और जमा राशियों को केंद्रीकृत करके गुजरात की हजारों सहकारी संस्थाओं के बीच सहयोग बढ़ाना है। इसमें सहकारी संस्थाओं और उनके सदस्यों के विभिन्न वाणिज्यिक बैंकों में संचालित मौजूदा बैंक खातों को समेकित कर उन्हें एक केंद्रीकृत जिला सहकारी बैंक/राज्य सहकारी बैंक के अंतर्गत लाया गया है।

सहकारी संस्थाओं की सामूहिक पूंजी को एक केंद्रीकृत बैंक के अंतर्गत समेकित करने पर कई महत्वपूर्ण परिणाम देखने को मिले हैं। इस पहल से अब यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सहकारी संस्थाओं की सामूहिक पूंजी अन्य सहकारी संस्थाओं के भी उपयोग में लाई जा सके।

पायलट प्रोजेक्ट

जून 2023 से जनवरी 2024 के बीच, गुजरात ने बनासकांठा और पंचमहल जिलों में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा परिकल्पित इस पहल को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया। इस दौरान, दुग्ध संघों से संबद्ध 1048 दुग्ध समितियों के मौजूदा बैंक खातों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में समेकित किया गया और अधिशेष निधियों को उनके नए बैंक खातों में पूर्ण रूप से स्थानांतरित किया गया। दोनों जिलों के सहकारी बैंकों में 4.7 लाख से अधिक नए बचत खाते खोले गए, जिससे इन बैंकों की मौजूदा जमा राशियों में 900 करोड़ से अधिक की भारी वृद्धि हुई है।

कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण

इस पहल के अंतर्गत वित्तीय सेवाओं तक पहुँचने में सदस्यों के सामने आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, सहकारी समितियों से जुड़े 1631 से अधिक कर्मचारियों को माइक्रो-एटीएम के संचालन, नकद निकासी और जमा करने सहित डिजिटल लेनदेन पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। उल्लेखनीय है कि ग्राम स्तर पर बैंकिंग सुविधाओं और फाइनांशियल लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए, इन जिलों में कुल 1736 समितियों को माइक्रो-एटीएम से सुसज्जित किया गया और उन्हें “बैंक मित्र” के रूप से संबद्ध किया गया है।

इसके अलावा, इस पहल के अंतर्गत इन सहकारी संस्थाओं को पर्याप्त आय अर्जित करने के लिए कमीशन दरें भी निर्धारित की गई हैं, जिससे माइक्रो- एटीएम के प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा। इतना ही नहीं, सहकारी संस्थाओं और सक्रिय सदस्यों को कुल 3.32 लाख रूपे डेबिट कार्ड भी जारी किए गए है।

‘सहकारी संस्थाओं के बीच सहकार’ मॉडल

बनासकांठा और पंचमहल में इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद राज्य सरकार ने इसे सभी जिलों के सहकारी संस्थाओं के बीच लागू करने का निर्णय किया है। इस पहल के कार्यान्वयन के बाद जिला सहकारी बैंक गांव स्तर पर अपनी सेवाओं का विस्तार करने में सक्षम होंगे और यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि गुजरात की सहकारी संस्थाओं की पूंजी उन संस्थाओं से जुड़े सदस्यों व अन्य छोटी सहकारी संस्थाओं की वित्तीय गतिविधियों को पूरा करने में भी उपयोग में लाई जा सके।