जिन आदिवासी क्षेत्रों में साइंस कॉलेज भी नहीं था, वहां अब मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं : मुख्यमंत्री

दाहोद जिले को 314 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात

जिन आदिवासी क्षेत्रों में साइंस कॉलेज भी नहीं था, वहां अब मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं : मुख्यमंत्री

दाहोद, 10 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दाहोद जिले के सिंगवड़ में जिले के विकास को तेजी देने वाली विभिन्न विभागों की कुल 314 करोड़ रुपए की 55 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। रविवार को अपने दाहोद दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने नर्सिंग कॉलेज सिंगवड़ का भी लोकार्पण कर दाहोद के युवाओं को स्थानीय स्तर पर एक और शिक्षा सुविधा प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में गरीब, आदिवासी, दलित और पीड़ित वर्ग को सीधे उनका हक दिलाने के लिए सुराज्य-सुशासन लागू किया है। उन्होंने कहा कि आज हम जो विकास के कार्य देख रहे हैं, उनकी मजबूत बुनियाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रखी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री ने गुजरात को 1.10 लाख करोड़ रुपए के विकास कार्यों की भेंट दी है और उसी राह पर चलते हुए डबल इंजन की सरकार ने गत सप्ताह के दौरान जनता को 6700 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की भेंट दी है। पटेल ने कहा कि दाहोद को स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य हो या विकास की अधिक आवश्यकता वाले आकांक्षी जिलों में दाहोद का समावेश करना हो, विकास और जनहित के कार्यों में दाहोद जिला कहीं भी पीछे न छूट जाए, यह डबल इंजन सरकार की गारंटी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दाहोद में 20,000 करोड़ रुपए के खर्च से रेलवे के इलेक्ट्रिक इंजन बनाने के संयंत्र के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब दाहोद सहित आदिवासी क्षेत्रों में साइंस कॉलेज भी नहीं था, वहां अब मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज तथा यूनिवर्सिटी हैं। अब आदिवासी बच्चे भी अपने ही शहर में पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात’ हमारा संकल्प है और इस गुजरात को आगे लाने में दाहोद के मेहनतकश लोगों का उल्लेखनीय योगदान है। उन्होंने गर्व से कहा कि दो दशक पहले गुजरात का बजट 10-15 हजार करोड़ रुपए था, आज 3.32 लाख करोड़ रुपए का बजट है। दो दशक पहले सरकारी योजनाओं और उनके लाभों के बारे में किसी को पता नहीं चलता था, लेकिन अब ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा और मोदी की गारंटी के रथ’ के जरिए लोगों को घर बैठे ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इन लाभों के जरिए अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा में शामिल करने के अविरत प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वासपूर्वक कहा कि इस सरकार की योजनाओं में अदने, गरीब और अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को केंद्र में रखा जाता है।

पटेल ने दाहोद जिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विभिन्न जनोन्मुखी कल्याणकारी योजनाओं की सफलता का वर्णन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गत पांच वर्षों में दाहोद जिले को 1.10 लाख मकान मिले हैं। पीएम स्वनिधि योजना के तहत दाहोद जिले में 4 हजार से अधिक फेरीवालों को ऋण सहायता प्राप्त हुई है। इसी तरह, 2.44 लाख गैस कनेक्शन के जरिए दाहोद की महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली है और आज जिले के 12 लाख से अधिक जनसाधारण के बैंकों में खाते खुले हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत दाहोद जिले में 14.77 लाख से अधिक लोगों के पास 10 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवच है। पंचायत और कृषि राज्य मंत्री बचुभाई खाबड़ ने अपने संबोधन में बिरसा मुंडा को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दो दशक में गुजरात विकास का रोल मॉडल बना है। गुजरात में अंबाजी से लेकर उमरगाम तक के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आदिवासी बंधुओं का सर्वांगीण विकास हुआ है। हर समाज को समान महत्व और न्याय मिला है। सरकार ने अंतिम व्यक्ति की चिंता कर विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से लोगों के घर तक पहुंचकर योजनाओं के लाभ प्रदान किए हैं। सांसद जसवंतसिंह भाभोर ने कहा कि दाहोद की भूमि पर विकासोत्सव आया है। उन्होंने करोड़ों रुपए के विकास कार्यों की भेंट मिलने के लिए दाहोदवासियों को बधाई दी। भाभोर ने कहा कि अमृत काल में गुजरात निरंतर आगे रहकर विकास का पर्याय बन गया है, तब दाहोद को भी विकास की छलांग लगानी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में अविरत विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन, लाभों और दाहोद जिले के कायापलट की भी चर्चा की।