भारत और घाना के बीच भुगतान प्रणालियों को आपस में जोड़ने पर बनी सहमति

भारत और घाना ने छह महीने में यूपीआई को चालू करने पर सहमति व्यक्त की

भारत और घाना के बीच भुगतान प्रणालियों को आपस में जोड़ने पर बनी सहमति

नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। भारत और घाना के बीच भुगतान प्रणालियों को लेकर अहम समझौता हुआ है। दोनों देशों ने छह महीने में घाना अंतर-बैंक भुगतान और निपटान प्रणाली पर यूपीआई को चालू करने पर अपनी सहमति जताई है। इससे उपयोगकर्ताओं को आपस में तत्काल, कम लागत वाले धन हस्तांतरण में मदद मिलेगी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि भारत और घाना अब आपस में आर्थिक लेन-देन को मजबूत कर सकेंगे। दोनों ही देशों ने भुगतान प्रणालियों को आपस में जोड़ने का अहम फैसला किया है। इसके तहत अब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और घाना इंटरबैंक पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स (जीएचआईपीएसएस) को जोड़ा जाएगा।

मंत्रालय के मुताबिक भारत-घाना ने डिजिटल परिवर्तन समाधान; स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) की संभावनाओं के बारे में चर्चा की और अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार समझौते (एएफसीएफटीए) द्वारा पेश किए गए अवसरों पर भी विचार-विमर्श किया। इसके साथ ही दोनों देशों ने डिजिटल अर्थव्यवस्था, कपड़ा, नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों को फोकस क्षेत्रों के रूप में पहचाना और उस पर चर्चा की।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव अमरदीप सिंह भाटिया के नेतृत्व में भारत के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने घाना गणराज्य में भारत के उच्चायुक्त मनीष गुप्ता और वाणिज्य विभाग की आर्थिक सलाहकार सुश्री प्रिया पी. नायर के साथ 2 से 3 मई, 2024 तक अकरा में अपने घाना समकक्षों के साथ एक संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) की बैठक की। जेटीसी की सह-अध्यक्षता घाना गणराज्य के व्यापार और उद्योग उप मंत्री माननीय माइकल ओकेरे-बाफी और वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने की।

उल्लेखनीय है कि भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पहले ही सिंगापुर और यूएई जैसे देशों तक पहुंच चुका है। इसके लिए नाइजीरिया के साथ भी बातचीत चल रही है। भारत और घाना इस दिशा में तेजी के साथ काम कर रहे हैं।

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