गुजरात : तूफान के कारण कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, गिर सोमनाथ में तेज बारिश शुरू

गुजरात के 62 तालुकों में चक्रवात का असर, राज्य के 9 तालुकों में 4 इंच से ज्यादा बारिश

गुजरात : तूफान के कारण कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, गिर सोमनाथ में तेज बारिश शुरू

गुजरात के तटीय इलाकों में हल्की से भारी बारिश शुरू हो चुकी है। जबकि कुछ जगहों पर तेज हवाएं भी चल रही हैं। तूफान से पहले ही द्वारका में तेज बारिश शुरू हो गई है। भारी बारिश के कारण द्वारका शहर में पानी भर गया है। द्वारका स्थित हर्षद के समुद्र में करंट देखा गया, जहां हर्षद की खाड़ी में जलस्तर बढ़ गया है। लिहाजा यहां तेज हवा के कारण दुकानों की पतरें उड़ गईं। इसके अलावा पोरबंदर, खंभालिया समेत अन्य इलाकों में तेज बारिश शुरू हो चुकी है। कच्छ-मांडवी में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। गिर सोमनाथ में वन क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है। गिर गढ़दा और गिर के जंगल में एक से डेढ़ इंच बारिश दर्ज की गई है। जामनगर के ग्रामीण प्रखंडों में भी झमाझम बारिश हो रही है। कालावड़, लालपुर समेत कई इलाकों में झमाझम बारिश हो रही है। यहां एक घंटे में करीब एक इंच बारिश दर्ज की गई है। उपलेटा में करीब तीन इंच बारिश हुई है। अमरेली के खंभा-गिर के ग्रामीण इलाकों में देर रात से बारिश हो रही है। कच्छ के मांडवी के पास का तट रौद्र रूप धारण कर चुका है। यहां तेज हवाओं के कारण बीच किनारे लगे फूड स्टॉल के पतरे उड़ गए हैं।

राजकोट सामाजिक वानिकी विभाग एक्शन मोड में

राजकोट में भक्तिनगर सर्किल, उपलेटा-पोरबंदर रोड, पिपलिया रोड, वाड़ोदर और भादाजलिया रोड सहित कई जगहों पर सड़क से गिरे पेड़ों को हटाने के लिए प्रशासन कड़ी मेहनत कर रहा है। रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर को नोडल नियुक्त करते हुए प्रत्येक तालुका में कुल 25 टीमों का गठन किया गया है।

100 शेरों को गिर के जंगल में शिफ्ट किया गया

अरब सागर में बना चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भारत के तटीय इलाकों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। तूफान का असर एशियाई शेरों के लिए मशहूर गिर के जंगल पर देखने को मिल रहा है। जिसमें 100 शेरों का स्थाई निवास समुद्र तट के पास मिलता है। इन शेरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।

कच्छ तट से 10 किमी तक के क्षेत्र को खाली करने का आदेश

कच्छ के कलेक्टर ने लोगों से चक्रवात बिपरजोय के खिलाफ दिए गए एहतियाती उपायों का पालन करने को कहा है। कलेक्टर ने लोगों से शेल्टर होम में शिफ्ट होने की अपील की है। तट से 10 किमी तक के गांवों के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे इलाकों में जाने के लिए कहा गया है। अधिकतर गांव के प्राथमिक विद्यालय को सेल्टर होम के रूप में रखा गया है।

अब तक प्रभावित जिलों से 20 हजार से अधिक लोगों को निकाला जा चुका है

बिपरजॉय चक्रवात के कारण कई जिलों में प्रशासन ने युद्धस्तर पर काम करना शुरू कर दिया है, जिससे अब तक प्रभावित जिलों से 20 हजार से अधिक लोगों को निकाला जा चुका है। इन जिलों में जूनागढ़ से 500, कच्छ से 6,786, जामनगर से 1,500, पोरबंदर से 543, द्वारका से 4,820, गिर-सोमनाथ से 408, मोरबी से 2 हजार और राजकोट से 4,031 लोगों को स्थलांतरण किया गया है।

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