राजकोट : धोराजी के 90 वर्षीय वृद्धा ने खोडलधाम को दान की 43 बीघा जमीन, स्ट्रेचर पर सब रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंची
नंदूबेन ने अपनी मालिकी की 43.5 बीघा जमीन सब रजिस्ट्रार कार्यालय जाकर वसीयतनामा लिख दिया
सौराष्ट्र साधु-संतों की भूमि है। यहां दान देने का बहुत महत्व रहा है। ऐसा ही एक विशेष दान राजकोट जिले के धोराजी तालुका के परबडी गांव में रहने वाली 90 वर्षीय नंदूबेन डाह्याभाई पाघडारे ने दिया है। नंदूबेन ने अपने पास की 43.5 विघा जमीन खोडलधाम ट्रस्ट को दे दी है। नंदूबेन ने अपनी यह जमीन धोराजी सब रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचकर वसीयत लिख दिया। जिसमें अपनी सारी जमीन खोडलधाम ट्रस्ट को दे दी है। वृद्धा ने अपने जीवन के अंत में भूमि का एक बड़ा दान करके अपनी परोपकारी भावना का परिचय दिया और दूसरों के लिए एक उदाहरण बन गई। नंदूबेन के भावना की लोगों ने काफी सराहना की।
नंदूबा की तबीयत खराब है। वह चल नहीं सकती थी इसलिए स्ट्रेचर पर सब रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंची। स्ट्रेचर पर सब रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंची तो जिसने भी देखा वह हैरान रह गया। नंदूबेन ने अपनी मालिकी की 43.5 बीघा जमीन सब रजिस्ट्रार कार्यालय जाकर वसीयतनामा लिख दिया। इस अवसर पर खोडलधाम धोराजी के समिति सदस्य भी उपस्थित थे।
खोडलधाम के अध्यक्ष नरेश पटेल ने आभार जताया
90 वर्षीय नंदूबेन के विचार का पाटीदार समुदाय में सभी ने स्वागत किया है, खोडलधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश पटेल ने नंदूबेन को धन्यवाद दिया और उन्हें शुभकामनाएं दीं। इसके अलावा खोडलधाम के धोराजी के समिति सदस्यों ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय में माताजी को मूर्ति देकर सम्मानित किया। नरेश पटेल के साथ, धोराजी उपलेटा के पूर्व विधायक ललित वसोया ने नंदूबेन के परोपकार की सराहना की और कोटि-कोटि वंदन किया।
खोडलधाम लेउवा पाटीदार समुदाय की आस्था का केंद्र है
राजकोट- जूनागढ़ राजमार्ग पर कागावाड़ के पास खोडलगाम लेउवा पाटीदार समुदाय की आस्था का केंद्र है। भक्ति से एकता की शक्ति के माध्यम से लेउवा पाटीदार समुदाय को एकजुट करने का एक प्रयास है और यहां खोडियार माताजी का एक भव्य मंदिर है। हाल ही में, जामनगर रोड पर अमरेली गांव के पास शिक्षा और स्वास्थ्य धाम तैयार किया जा रहा है। ऐसे समय में जब देश विदेश से ज्ञान की बहार आ रही है ऐसे में नंदूबेन द्वारा दिया जाने वाला दान खोडलधाम ट्रस्ट के लिए काफी अहम साबित होगा।