यूक्रेन के राजदूत ने रशियनों को मुगलों के समान बताते हुये भारत को यूक्रेन में उनकी सहायता की सेवा जारी रखने के लिए धन्यवाद भी किया था। मीडिया से बात करते हुये उन्होंने दुनिया के सभी प्रभावशाली देशों और उनके नेताओं को रशिया के राष्ट्रपति को यूक्रेन पर हमले रोकने के लिए उनके संसाधनों का इस्तेमाल करने के लिए कहा। साथ ही खार्किव में बमबारी के दौरान मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत पर अफसोस भी व्यक्त किया। राजदूत पोलिखा ने बताया की कठिन परिस्थितियों के बावजूद यूक्रेन वहाँ फंसे भारतीयों को निकालने में हर संभव मदद कर रहा है।
वहीं यूक्रेनियन राजदूत द्वारा दोनों देशों के युद्ध की तलना मुगल और राजपूत के बीच के युद्ध से करने पर मुस्लिम नेता ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने ट्वीट करते हुये कहा कि यूक्रेनियन राजदूत को भारतीय इतिहास के बारे में अपना अधूरा ज्ञान अपने पास ही रखना चाहिए। उन्हें तो यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित करने के लिए 'मुगल' शब्द का इस्तेमाल करने का विचार उनके पास आया कहाँ से। यह सब कुछ इस्लामोंफोबिया का परिणाम है।