राजकोट : कश्मीर में फंसे राजकोट के आठ लोग सकुशल लौटे, घरों में खुशी का माहौल

गुजरात सरकार और जिला प्रशासन के सहयोग से सुरक्षित वापसी संभव हुई

राजकोट : कश्मीर में फंसे राजकोट के आठ लोग सकुशल लौटे, घरों में खुशी का माहौल

कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले के बाद वहां फंसे राजकोट के 13 यात्रियों में से आठ लोग सकुशल अपने घर लौट आए हैं। उनकी सुरक्षित वापसी से परिवारों में खुशी और राहत का माहौल है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि बाकी पांच लोग भी एक-दो दिनों में राजकोट पहुंच जाएंगे।

राजकोट के माधापर चौराहे के पास श्रीराम पार्क-2 में रहने वाले नीरव रमेशभाई आचार्य अपनी पत्नी किरण और बेटों ज्ञानेश और तीर्थ के साथ छुट्टियां मनाने 18 अप्रैल को कश्मीर पहुंचे थे। 19 अप्रैल को एक ब्रिज टूटने की घटना के समय वे कटरा (वैष्णो देवी) में थे। इसके बाद 22 अप्रैल की शाम वे गुलमर्ग के रास्ते श्रीनगर लौटे, लेकिन उसी शाम उन्हें पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की खबर मिली।

परिवार के साथ होने के कारण नीरव आचार्य काफी चिंतित थे, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वे श्रीनगर के होटल में सुरक्षित हैं। हालात को देखते हुए उन्होंने अपनी यात्रा को छोटा करने और जल्दी लौटने का निर्णय लिया। भूस्खलन के चलते सड़क मार्ग बंद था और फ्लाइट्स भी सीमित थीं, जिनके किराए भी काफी ऊंचे थे।

इसी दौरान उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से गुजरात सरकार और राजकोट जिला प्रशासन की सक्रियता की जानकारी मिली। 23 अप्रैल को उन्होंने गुजरात पर्यटन कार्यालय से संपर्क किया, जहाँ से उन्हें पूरी सहायता का आश्वासन मिला। 

24 अप्रैल को शाम 7 बजे वे श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचे, जहाँ से उन्हें अन्य यात्रियों के साथ दिल्ली की इंडिगो फ्लाइट से रवाना किया गया। दिल्ली पहुंचने के बाद गुजरात सरकार ने 25 अप्रैल की सुबह 4:45 बजे की फ्लाइट से उनकी अहमदाबाद वापसी की व्यवस्था की। सुबह 9:05 बजे अहमदाबाद पहुंचने के बाद जिला प्रशासन ने उन्हें टैक्सी से राजकोट पहुंचाया।

नीरव आचार्य के साथ ही जगदीप पारेख व उनकी पत्नी और महेंद्रभाई मेहता व उनकी पत्नी भी वडोदरा से राजकोट पहुंचे। उनके आगमन पर घरों में भावुक और उल्लासपूर्ण माहौल देखा गया। यात्रियों और उनके परिवारों ने गुजरात सरकार और जिला प्रशासन का आभार जताया।

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