सूरत की प्रसिद्ध इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. जेनी गांधी को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया

सूरत की प्रसिद्ध इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. जेनी गांधी को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल ने सूरत की जानी-मानी इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. जेनी गांधी को न्यूरोवैस्कुलर और पेरिफेरल वैस्कुलर इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया है। डॉ. जेनी गांधी ने सूरत में आधुनिक और न्यूनतम इनवेसिव चिकित्सा पद्धतियों को स्थापित कर दक्षिण गुजरात को इस क्षेत्र में नई दिशा दी है।

डॉ. गांधी, एम.डी., डीएनबी (रेडियोलॉजी), एफ.आर.सी.आर. (यूके), जुलाई 2019 से सूरत की शेल्बी अस्पताल में कंसल्टेंट इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने बी.जे. मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद से एम.डी. रेडियोलॉजी किया, यूके से एफ.आर.सी.आर. की उपाधि प्राप्त की, मुंबई के के.ई.एम. अस्पताल में पेरिफेरल इंटरवेंशन (2014–2016), कोयंबटूर के के.एम.सी.एच. में न्यूरो-इंटरवेंशन (2017–2019) का प्रशिक्षण लिया तथा टाटा मेमोरियल अस्पताल में 2016 में ऑन्को-इंटरवेंशन में ऑब्जर्वरशिप पूर्ण की।

सूरत लौटने पर उन्होंने इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी को स्थापित करने के लिए गंभीर प्रयास किए, जब शहर में अभी भी ओपन सर्जरी को ही एकमात्र इलाज माना जाता था। उन्होंने लोगों और चिकित्सा समुदाय में जागरूकता फैलाते हुए इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई और अब तक 5,000 से अधिक इंटरवेंशनल प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक पूरी कर चुकी हैं।

डॉ. गांधी ने सूरत में पहली बार एंडोवैस्कुलर कॉन्टूर और वेब डिवाइस प्लेसमेंट द्वारा ब्रेन एन्यूरिज़्म का सफल इलाज किया। वे सूरत में सबसे अधिक 'फ्लो डाइवर्टर' उपचार करने वाली इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट हैं और दक्षिण गुजरात में इंट्राक्रेनियल और कैरोटिड स्टेंटिंग की सबसे अधिक प्रक्रियाएं करने वाली डॉक्टर हैं।

न्यूरो-इंटरवेंशन के अलावा वे पेरिफेरल वैस्कुलर और नॉन-वैस्कुलर इंटरवेंशन में भी विशेषज्ञता रखती हैं। वे हर महीने 15–20 एंडोवेनस वैरिकोज वेन ट्रीटमेंट और 5–7 पेरिफेरल आर्टरी इंटरवेंशन करती हैं। गुजरात में वैक्यूम-असिस्टेड एक्सिशन ऑफ ब्रेस्ट (VAEB) पद्धति लागू करने वाली पहली डॉक्टर होने का श्रेय भी उन्हें जाता है, जिसमें उन्होंने 250 से अधिक केस सफलतापूर्वक किए हैं।

ऑन्को-इंटरवेंशन में भी उन्होंने 2,000 से अधिक प्रक्रियाएं पूरी की हैं, जिसमें USG/CT गाइडेड बायोप्सी, ड्रेनेज, रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA), माइक्रोवेव एब्लेशन, और ट्यूमर एम्बोलाइज़ेशन (TACE, TARE, ब्लीडिंग एम्बोलाइज़ेशन) शामिल हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा हाल में सम्मानित किए जाने के अलावा, उन्हें ISVIR द्वारा ‘बेस्ट फैलो ऑफ इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी’ (2019) और लिंक सिंगापुर (2018) में स्ट्रोक विषय पर श्रेष्ठ पेपर प्रस्तुत करने के लिए भी सम्मानित किया गया है। वे देशभर की प्रमुख चिकित्सा कॉन्फ्रेंसों में फेकल्टी और स्पीकर के रूप में नियमित रूप से आमंत्रित की जाती हैं।

डॉ. जेनी गांधी ने सूरत को इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी का एक सशक्त केंद्र बना दिया है, और उनका कार्य इस क्षेत्र में प्रेरणादायक मिसाल बन चुका है।

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