सूरत : मरणोत्तर सेवा की अद्भुत मिसाल: नवनीत शेलड़िया परिवार द्वारा देहदान और नेत्रदान  

सूरत : मरणोत्तर सेवा की अद्भुत मिसाल: नवनीत शेलड़िया परिवार द्वारा देहदान और नेत्रदान  

गुजरात योग बोर्ड के कोऑर्डिनेटर नवनीतभाई शेलड़िया के माता-पिता की अंतिम इच्छा पूरी कर, परिवार ने पेश की समाजसेवा की प्रेरणादायक मिसाल

  गुजरात राज्य योग बोर्ड के कोऑर्डिनेटर नवनीतभाई शेलड़िया, मूल निवासी बड़े समढियाळा गाँव (जिला अमरेली), ने अपने परिवार के साथ मिलकर एक अद्भुत और प्रेरणादायक निर्णय लिया। उन्होंने अपने माता-पिता की अंतिम इच्छा को सम्मान देते हुए मरणोत्तर देहदान और नेत्रदान की प्रक्रिया को पूर्ण किया। यह निर्णय न केवल परिवार के संस्कारों को दर्शाता है, बल्कि समाज के लिए एक नई दिशा और चेतना का मार्ग भी खोलता है।

सौराष्ट्र लेउवा पटेल परिवार द्वारा आयोजित रामकथा (रमेशभाई ओझा) के दौरान यह पुण्य कार्य रेड क्रॉस चोरयासी ब्रांच, लायंस क्लब और रोटरी क्लब ऑफ सूरत ईस्ट के सतत अभियान के अंतर्गत संपन्न हुआ। गौरतलब है कि शेलड़िया दंपति ने चौदह वर्ष पूर्व ही देहदान का संकल्प लिया था और आज उन्होंने उस संकल्प को अपने माता-पिता के माध्यम से साकार किया।

पिता भीखाभाई हरिभाई शेलड़िया (मृत्यु तिथि: 07/02/2016) और माता चंपाबेन शेलड़िया (मृत्यु तिथि: 22/03/2025) ने जीवन रहते ही मरणोत्तर अंगदान की इच्छा जताई थी। उनकी इस इच्छापूर्ति के लिए सभी प्रक्रिया का संचालन डॉ. प्रफुल्ल शिरोया (लोक दृष्टि आई बैंक, रेड क्रॉस चोरयासी) की देखरेख में किया गया।

"अंगदान, मानव जीवन का सबसे श्रेष्ठ दान है"  इस भावना को आत्मसात करते हुए नवनीतभाई ने कहा, "मुझे गर्व है कि मेरे माता-पिता ने मृत्यु के बाद भी किसी के जीवन में प्रकाश लाने का कार्य किया। यह सेवा केवल दान नहीं, बल्कि ईश्वरतुल्य कार्य है। परिवार की ओर से नवनीतभाई, उनकी पत्नी शिल्पाबेन, बेटियाँ जानवी और द्विती, भाई बाबूभाई (रमणिकभाई), भाभी विमलाबेन तथा बड़ी बहनें विमलाबेन, शारदाबेन और दयाबेन ने मिलकर इस महान सेवा कार्य में योगदान दिया और भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

कमांडेंट डॉ. प्रफुल्ल शिरोया ने भी इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह घटना केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतना का प्रतीक है। यह प्रेरणा देती है कि मृत्यु अंत नहीं, बल्कि किसी और के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है। "हम सभी से आग्रह करते हैं कि अंगदान और देहदान को लेकर समाज में जागरूकता फैलाएं। हमारा एक छोटा सा कदम किसी की ज़िंदगी में उजाला ला सकता है।

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