सूरत : बिहार, संस्कृति, सभ्यता और स्वाभिमान की भूमि : अरविन्द सिंह

इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया और बिहार की गौरवशाली संस्कृति एवं विरासत का उत्सव मनाया

सूरत : बिहार, संस्कृति, सभ्यता और स्वाभिमान की भूमि : अरविन्द सिंह

बिहार केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जिसने भारत को चाणक्य की नीति, महावीर का त्याग और बुद्ध की करुणा दी है।  अहमदाबाद में हिंदीभाषी महासंघ के तत्वावधान में 113वें बिहार दिवस एवं फाल्गुन महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया और बिहार की गौरवशाली संस्कृति एवं विरासत का उत्सव मनाया।  

इस अवसर पर हिंदीभाषी महासंघ के महासचिव एवं भाजपा नेता अरविन्द सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने अपने ओजस्वी उद्बोधन में बिहार की सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक योगदान और हिंदीभाषियों की एकता पर बल दिया।  

D23032025-09

कार्यक्रम में परम पूज्य महंत दिलीप दासजी महाराज (जगन्नाथ मंदिर, अहमदाबाद) की पावन उपस्थिति रही, जिनके आशीर्वचनों से वातावरण भक्तिमय हो उठा। साथ ही, ब्रह्मऋषि महेंद्र झा (मैनेजिंग ट्रस्टी, जगन्नाथ मंदिर, अहमदाबाद), विनय पात्रे (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारत–भारती एवं RSS पदाधिकारी), डॉ. मनोज गिरिजी महाराज, संतोष रंजन  (मंत्री, भारतीय जनता पार्टी, बिहार), श्रीमती कामनी झा (म्युनिसिपल काउंसलर, अहमदाबाद शहर), एवं जयेश त्रिवेदी  (प्रेसिडेंट, भारत–भारती एवं म्युनिसिपल काउंसलर, अहमदाबाद शहर) जैसे गणमान्य अतिथि भी इस गरिमामयी आयोजन का हिस्सा बने। 

इस अवसर पर हिंदीभाषी महासंघ के अध्यक्ष डॉ. महादेव झा ने अपने संबोधन में बिहार की गौरवशाली परंपरा, संस्कृति और इसके गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बिहार दिवस को न केवल एक उत्सव, बल्कि हमारी जड़ों को याद करने और अपनी विरासत पर गर्व करने का अवसर बताया।  

कार्यक्रम की सफलता में हिंदीभाषी महासंघ, अहमदाबाद के शहर अध्यक्ष प्रताप सिंह राठौड़ का विशेष योगदान रहा। उन्होंने अपने कुशल प्रबंधन और समर्पण से आयोजन को भव्य और स्मरणीय बनाया। उनकी नेतृत्व क्षमता और हिंदीभाषी समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सराहनीय रही। गुजरात के मशहूर गायक देवपगली रॉकस्टार ने भी इस कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति दी और सभी हिंदीभाषियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

बिहार दिवस एवं फाल्गुन महोत्सव के इस आयोजन में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, व्याख्यानों और पारंपरिक संगीत का समावेश रहा। सभी अतिथियों ने इस आयोजन को हिंदीभाषी समाज के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया और इसे सफल बनाने के लिए आयोजकों एवं सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।  

Tags: Surat