सुनीता विलियम्स के धरती पर लौटने की खुशी में गुजरात में उनके पैतृक गांव में जश्न

सुनीता विलियम्स के धरती पर लौटने की खुशी में गुजरात में उनके पैतृक गांव में जश्न

मेहसाणा, 19 मार्च (भाषा) नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की धरती पर सुरक्षित वापसी की खुशी में बुधवार को गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित उनके पैतृक गांव झूलासन में जश्न मनाया गया। इस दौरान गांव के एक सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों सहित बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और जुलूस निकाला।

जैसे ही अंतरिक्ष यात्री विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर ‘स्पेसएक्स’ का यान अमेरिका में फ्लोरिडा तट के पास उतरा, गांव के लोग खुशी से झूम उठे, आतिशबाजी की गई, नाचने लगे और मंदिर परिसर में हर-हर महादेव के जयकारे लगाने लगे।

विलियम्स की सुरक्षित वापसी के लिए ग्रामीणों ने एक यज्ञ किया था।

इस मौके का जश्न मनाने के लिए सभी विद्यार्थी सुबह करीब साढ़े नौ बजे सरकारी स्कूल में इकट्ठा हुए। उन्होंने पारंपरिक गुजराती लोक नृत्य गरबा किया और देवी डोला माता के मंदिर तक जुलूस निकालने के लिए कतार में खड़े हो गए।

उन्होंने कहा कि देवी ने उनकी प्रार्थना सुन ली और विलियम्स को घर वापस ले आईं। छात्रों ने कहा कि देवी के आशीर्वाद के लिए उन्हें धन्यवाद देने के लिए जुलूस निकाला गया। छात्रों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण भी शामिल हुए।

स्कूल के एक शिक्षक ने कहा, ‘‘जब सुनीता विलियम्स पिछले साल पांच जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुईं और उनके मिशन में देरी हुई तो हमने 27 जून को यहां एक अखंड ज्योति जलाई और उनके लिए प्रार्थना करते हुए डोला माता के मंदिर तक अखंड ज्योति लेकर जुलूस निकाला।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब जब देवी ने उनकी (विलियम्स की) रक्षा की है और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है, तो हम इस अवसर का जश्न मनाने और उनके आशीर्वाद के लिए उनका धन्यवाद करने की खातिर संगीत एवं रंग के साथ आज डोला माता मंदिर तक एक और जुलूस निकालेंगे।’’

लगभग नौ माह तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रहने के बाद जब सुनीता की वापसी जल्द होने की खबर आई तो तभी से झूलासन में उत्साह का माहौल बना हुआ था।

उनके नजदीकी रिश्तेदार नवीन पांड्या ने कहा कि गांव के लोगों ने सुनीता की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना की और अखंड ज्योति जलाई।

उन्होंने कहा कि गांववाले सुनीता को झूलासन में आमंत्रित करने के लिए उत्सुक हैं।

सुनीता विलियम्स कम से कम तीन बार भारत की यात्रा पर आ चुकी हैं। वह 2007 और 2013 में अंतरिक्ष मिशन के बाद भारत आई थीं। उन्हें 2008 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

उनके पिता दीपक पांड्या मूल रूप से झूलासन से थे और 1957 में अमेरिका चले गए थे।

झूलासन प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य विशाल पांचाल ने कहा कि बुधवार के जश्न के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर नौ महीने पहले बोइंग की एक परीक्षण उड़ान के जरिये अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे। दोनों अंतरिक्षयात्री पांच जून 2024 को बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू यान में सवार होकर अंतरिक्ष में गए थे। उनके एक सप्ताह बाद ही लौटने की उम्मीद थी, लेकिन अंतरिक्ष स्टेशन के रास्ते में इतनी सारी समस्याएं आईं कि नासा को अंततः स्टारलाइनर को खाली वापस धरती पर लाना पड़ा और अंतरिक्षयात्रियों की घर वापसी में देरी हुई।

सुनीता विलियम्स ने नौ बार अंतरिक्ष में चहलकदमी करके रिकॉर्ड बनाया। इस क्रम में उन्हें 62 घंटे लगे। विलियम्स ने अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा चहलकदमी करने का महिला अंतरिक्ष यात्री होने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।