साल 2050 तक 44 करोड़ भारतीय हो सकते हैं मोटापे से ग्रस्त, खाद्य तेल की खपत में कमी करें : मोदी

साल 2050 तक 44 करोड़ भारतीय हो सकते हैं मोटापे से ग्रस्त, खाद्य तेल की खपत में कमी करें : मोदी

सिलवासा (दादरा और नगर हवेली), 07 मार्च (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को एक बार फिर मोटापे की समस्या को उठाया और एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2050 तक 44 करोड़ भारतीय मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं। उन्होंने इन आंकड़ों को चौंकाने वाला और खतरनाक बताया।

मोटापे को कई बीमारियों की जड़ बताते हुए मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि वे नियमित शारीरिक व्यायाम करके और खाद्य तेल की खपत को 10 प्रतिशत तक कम करके शरीर की अत्यधिक चर्बी को खत्म कर सकते हैं।

वह दादरा एवं नगर हवेली के सिलवासा शहर और गुजरात से सटे दमन और दीव में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश के लिए 2,587 करोड़ रुपये की विकास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करने के साथ ही भूमि पूजन भी किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां आज हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा कर रही हैं। मोटापा उनमें से एक है, क्योंकि यह कई बीमारियों का मूल कारण है। एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2050 तक करीब 44 करोड़ लोग मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं। यह आंकड़ा बहुत बड़ा है और उतना ही डरावना भी है।’’

उन्होंने कहा कि अगर रिपोर्ट के परिणाम सही होते हैं, तो इसका मतलब है कि देश में हर तीन में से एक व्यक्ति 2050 तक मोटापे से पीड़ित हो सकता है।

मोदी ने चेताया कि मोटापा लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित होगा और हर किसी को इस स्थिति से उबरने की कोशिश शुरू करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पहले ही अपील कर चुका हूं कि लोगों को अपने खाद्य तेल की खपत 10 प्रतिशत कम करनी चाहिए। मैं चाहता हूं कि आप सभी संकल्प लें कि आप 10 प्रतिशत कम तेल खरीदेंगे। नियमित व्यायाम और साइकिल चलाना भी मोटापा कम करने में आपकी मदद करेगा।’’

मोदी ने हाल ही में ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश में मोटापे की बढ़ती समस्या पर चिंता जताते हुए इस चुनौती से निपटने के लिए जीवनशैली में बदलाव पर जोर दिया था।

प्रधानमंत्री ने कहा था कि खाद्य तेल के उपभोग में 10 फीसदी की कटौती जैसे छोटे-छोटे प्रयास बेहद कारगर हो सकते हैं।

भोजन में तेल के उपयोग में 10 फीसदी की कमी को लेकर एक अभियान की शुरुआत करते हुए उन्होंने उद्योगपति आनंद महिंद्रा, ओलंपियन मनु भाकर और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत दस लोगों को ‘चैलेंज’ भी दिया था।