महाकुंभ सही मायने में वैश्विक आयोजन, इसकी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है: योगी
महाकुंभनगर, 27 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को महाकुंभ मेला 2025 को सही मायने में एक वैश्विक आयोजन करार देते हुए इसके सफल आयोजन का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया।
यहां सेक्टर-2 में स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से मुखातिब योगी ने कहा, “प्रयागराज में महाकुंभ सही मायने में एक वैश्विक आयोजन बन गया और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को जाता है। उनकी दूरदर्शिता से हमें इस वृहद आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न करने में मदद मिली।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने आस्था और अर्थव्यवस्था का जो दृष्टिकोण दिया है, वह यहां साकार होता दिखाई दिया। भारत में आध्यात्मिक पर्यटन में भारी संभावनाएं हैं और उत्तर प्रदेश ने यह साबित किया है।”
उन्होंने कहा, “पिछले वर्ष लगभग 65 करोड़ श्रद्धालु और पर्यटक उत्तर प्रदेश में मंदिरों को लेकर प्रख्यात विभिन्न शहरों में आए थे, जिनमें अयोध्या, काशी, मथुरा-वृंदावन, प्रयागराज, चित्रकूट, विंध्याचल, गोरखपुर और नैमिषारण्य शामिल हैं।”
योगी ने कहा, “अकेले प्रयागराज में पिछले 45 दिनों में 66 करोड़ 30 लाख पर्यटक और श्रद्धालु आ चुके हैं। प्रयागराज महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के पांच गलियारे उपलब्ध कराए। इनमें प्रयागराज से मिर्जापुर और काशी, प्रयागराज से अयोध्या और गोरखपुर, प्रयागराज से लालापुर, राजापुर और चित्रकूट, प्रयागराज से लखनऊ और नैमिषारण्य और प्रयागराज से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के रास्ते मथुरा-वृंदावन होते हुए शुक्रताल गलियारे शामिल हैं।”
उन्होंने कहा, “इन पांचों गलियारों में पिछले डेढ़ महीने में देश-दुनिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आए। महाकुंभ मेले के दौरान 45 दिनों में 100 देशों के लोग प्रयागराज पहुंचे, जिनमें 74 देशों के उच्चायुक्त और राजदूत शामिल हैं। इसके अलावा, 12 देशों के मंत्रियों और राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति भी दर्ज की गई।”
योगी ने कहा, “महाकुंभ के पूरे आयोजन में केंद्र और राज्य ने निर्माण कार्यों पर 7,500 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें 200 से अधिक सड़कों, 14 फ्लाईओवर, नौ अंडरपास और 12 कॉरिडोर का निर्माण शामिल है। अक्षयवट कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर, पातालपुरी कॉरिडोर, बड़े हनुमान जी कॉरिडोर, महर्षि भारद्वाज कॉरिडोर, नागवासुकि कॉरिडोर, श्रंग्वेरपुर कॉरिडोर, द्वादश माधव कॉरिडोर समेत अलग-अलग प्रकार के 12 कॉरिडोर प्रयागराज में विकसित किए गए।”
महाकुंभ में तकनीक के इस्तेमाल का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “पूरे मेला क्षेत्र को लगभग 3,000 सीसीटीवी कैमरे के साथ फेस रिकॉग्निशन और एआई टूल से जोड़ा गया। इसके माध्यम से एक-एक व्यक्ति के आने की सूचना और उसके चेहरे की पहचान के साथ-साथ कितने लोगों ने डुबकी लगाई, उन सबकी गिनती की व्यवस्था हो सकी।”
उन्होंने कहा, “महाकुंभ नगर में 15,000 से ऊपर स्वच्छताकर्मी तैनाथ थे। परिवहन निगम की 7,500 से अधिक बसें लगाई गईं और 750 से ज्यादा शटल बसें चलाई गईं। रेलवे ने लगभग 13,000 मेला स्पेशल ट्रेन चलाकर यात्रियों को सकुशल गंतव्य तक पहुंचाया। साढ़े तीन करोड़ यात्री केवल उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों से प्रयागराज आए।”
योगी ने कहा, “आस्था और अर्थव्यवस्था के बीच समन्वय हो सकता है, यह मीडिया ने साबित करके दिखाया। 7.5 हजार करोड़ रुपये खर्च करके 3.5 लाख करोड़ की वृद्धि दर्ज की जा सकती है, यह भी मीडिया ने बताया।”
उन्होंने कहा, “यह आयोजन शोध का नया विषय बन गया है। मेरे पास लगातार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से पत्र आ रहे हैं कि भीड़ प्रबंधन कैसे होता है, आस्था और अर्थव्यवस्था का समन्वय कैसे हो सकता है.. इस पर एक घंटे का टॉक शो कीजिए।”
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नगर विकास मंत्री एके शर्मा समेत अन्य मंत्री एवं अधिकारीगण मौजूद थे।