सूरत : महाकुंभ में संतों ने किया पट्टाभिषेक, दक्षिण गुजरात के लिए गौरव का दिन
महामंडलेश्वर धर्मदासजी महाराज अब बने जगतगुरू रामानंदाचार्य
महाराजजी का अभिनन्दन एवं सम्मान समारोह मंगलवार को
मां शाकम्भरी आश्रम श्री कृष्णा कामधेनु गौशाला दंडेश्वर ,नवसारी के संस्थापक एवं पंचदेव मंदिर दंडेश्वर धाम, नवसारी के संचालक महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदासजी महाराज को महाकुंभ प्रयागराज में 5 फरवरी को संतों द्वारा जगतगुरु रामानंदाचार्य की पदवी से सुशोभित करने के उपलक्ष्य में मंगलवार को अभिनंदन एवं सम्मान समारोह का आयोजन रखा गया है।
आयोजक सभी धर्म प्रेमी बंधुओं के अग्रणी सुशील चिरानिया ने बताया कि कार्यक्रम वेसू संगिनी हाउस के सामने,रीगा स्ट्रीट,शांतम हाल पर शाम 6 बजे प्रारंभ होगा,जिसमें सबसे पहले भजन कीर्तन होगा। उसके बाद विभिन्न संस्थाओं द्वारा जगतगुरु रामानंदाचार्य धर्माचार्य महाराज जी का सम्मान किया जाएगा एवं कई वक्ता अपने विचार रखेंगे। तत्पश्चात धर्माचार्य महाराज आशीर्वचन रुपी प्रवचन देंगे।
प्रयागराज संगम स्थित महाकुंभ नगरी में 05/02/2025 का दिन दक्षिण गुजरात के सनातनियों के लिए गौरवशाली रहा। नवसारी के दंडेश्वर गांव स्थित श्री शाकंभरी आश्रम के संस्थापक पूज्य धर्मदास जी महाराज को संतो ने मिल कर जगतगुरू रामानंदाचार्य की उपाधि दी गई।
महाकुंभ नगरी के निर्मोही अखाड़ा में जैसे-जैसे पट्टाभिषेक की रश्मे आगे बढ़ रही थी, वैसे वैसे धर्मदास जी महाराज का नाम भी बढता जा रहा था। जगतगुरू के पट्टाभिषेक के बाद अब महाराज का नामकरण भी कर दिया गया। अब उन्हें पूज्य जगतगुरू रामानंदाचार्य धर्माचार्य महाराज के नाम से जाना जाएगा। कल की सी बात लगती है जब सूरत में पहला 108 कुंडीय महायज्ञ के कुछ समय बाद धर्मदासजी महाराज ने दंडेश्वर के निकट निर्जन वन को अपनी साधना स्थली बनाया।
भगवती दुर्गा शाकंभरी की साधना और गौसेवा ने आज महाराज को संत समाज में सम्माननीय स्थान जगतगुरू पद पर विभूषित कर दिया। सूरत और नवसारी सहित आसपास के इलाकों के निवासियों के लिए गौरवान्वित होने की बात है कि अब उन्हें सनातन धर्म के ध्वज वाहक जगतगुरू का सानिध्य ओर आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।