वडोदरा : विश्वामित्री परियोजना 5 मार्च के आसपास शुरू होगी और 100 दिनों में पूरी होगी! 

 नगर आयुक्त दिलीप राणा ने बजट बैठक में दी जानकारी 

वडोदरा : विश्वामित्री परियोजना 5 मार्च के आसपास शुरू होगी और 100 दिनों में पूरी होगी! 

वडोदरा महानगरपालिका की बजट बैठक में चर्चा के अंतिम चरण के दौरान कांग्रेस दल के नेता चंद्रकांत श्रीवास्तव (भट्टू) ने महापौर के माध्यम से आयुक्त से शहर में आई बाढ़ के बाद विश्वामित्री नदी, अन्य झीलों और विभिन्न जल निकायों के संबंध में राज्य सरकार के निर्देशानुसार किए जा रहे और किए जाने वाले कार्यों से संबंधित विभिन्न मुद्दे पूछे। इस संबंध में नगर आयुक्त दिलीप राणा ने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए निगम वर्तमान में क्या कदम उठा रहा है और क्या कदम उठाएगा, इसे लेकर शहर के सभी नागरिकों के मन में कई सवाल हैं। आज मैं पूरी सभा के समक्ष इन सभी प्रश्नों का उत्तर दे देना चाहता हूं। 

विश्वामित्री नदी को गहरा और चौड़ा करने के लिए निगम ने सिंचाई विभाग की शर्तों के अनुसार पुनः निविदा आमंत्रित की है और निविदा प्राप्त हो गई है। विश्वामित्री परियोजना लगभग 15 दिनों के भीतर शुरू की जाएगी। नगरपालिका का अनुमान है कि यदि हम 5 मार्च के आसपास काम शुरू कर दें तो विश्वामित्री नदी का पूरा काम मार्च, अप्रैल और मई में 100 दिनों में पूरा करने की योजना है। जिसके तहत निगम अब तक वन, जीपीसीबी समेत अन्य विभागों के साथ चरणबद्ध बैठकें कर चुका है। 

शहर से होकर गुजरने वाली विश्वामित्री नदी को चार भागों में बांटने का निर्णय लिया गया है। सम्पूर्ण कार्य की देखरेख के लिए दो वरिष्ठ सिंचाई अधिकारियों को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया जाएगा। ऑपरेशन में शामिल कई अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। हम 1.5 मिलियन क्यूबिक मीटर निकालने जा रहे हैं। एक बात पर भी ध्यान दिया गया है कि अगर हम सिर्फ पेड़ों को काटेंगे और उनकी जड़ें नहीं काटेंगे तो हमें सही परिणाम नहीं मिलेंगे। इसलिए हमने संभवतः 15 के बजाय 17 से 18 लाख क्यूब तक संचालन की तैयारी कर ली है। हम नदी से मिट्टी और अन्य सामग्री निकालने के लिए 45 उत्खनन मशीनें, 250 डम्पर और इतनी ही संख्या में जेसीबी मशीनों का उपयोग करेंगे और यह काम 100 दिनों में पूरा करने का निर्णय लिया गया है। नदी से निकाली गई मिट्टी और अन्य सामग्री को कहां डाला जाएगा, यह भी तय कर लिया गया है।

पूरे अभियान के दौरान वन विभाग की टीमें भी साथ रहेंगी। यदि मगरमच्छ और अन्य जलीय जीव नदी से बाहर निकलते हैं, तो उन्हें आजवा या सयाजीबाग में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, और इसके लिए दोनों स्थानों पर अलग-अलग पिंजरे तैयार किए गए हैं। वन विभाग की एक टीम अपने स्वयंसेवकों और डॉक्टरों के साथ यहां जानवरों को बचाने के लिए तैनात की जाएगी। इतना ही नहीं, काम शुरू करने से पहले इसके लिए अलग से ट्रायल भी कराने की योजना है। 

विश्वामित्री नदी में निगम द्वारा किये जाने वाले कार्यों की सम्पूर्ण वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी ड्रोन के माध्यम से की जायेगी। इतना ही नहीं, जो भी डंप किया जाएगा उसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कराई जाएगी। जिससे ठेकेदार कितना खोदता है? और मिट्टी सहित कितनी सामग्री निकलती है? इसके बारे में जानकारी उपलब्ध रहेगी। यदि आवश्यक हुआ तो हम विश्वामित्री नदी पर रात में भी काम करेंगे। इसे ध्यान में रखते हुए जेनरेटर, लाइट समेत जरूरी सामान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

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