चांदनी चौक शहर का गौरव, इसे बनाए रखने के लिए प्रयास जरूरी : दिल्ली उच्च न्यायालय
नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि चांदनी चौक शहर का गौरव है और इसके रखरखाव के लिए सभी एजेंसियों को आवश्यक प्रयास करने चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने पुनर्विकास के बाद भी चांदनी चौक क्षेत्र में एजेंसियों की ओर से 'खराब रखरखाव' और 'लापरवाही' का जिक्र करते हुए चिंता जाहिर की।
पीठ ने कहा, ‘‘कृपया इस मामले को गंभीरता से लें। इसमें उच्च स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। हम अधीनस्थ अधिकारियों से संतुष्ट नहीं होंगे। यह दिल्ली का गौरव है।’’
उच्च न्यायालय ने कहा कि सभी प्राधिकारियों को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है, ताकि चांदनी चौक ऐतिहासिक और वाणिज्यिक स्थल के रूप में अपनी पहचान न खो दे।
पीठ ने चांदनी चौक को 'हमारी विरासत' बताते हुए इसकी 'मूल अवधारणा' की रक्षा करने पर जोर दिया और कहा कि सभी हितधारकों को एजेंसियों पर निर्भर रहने के बजाय एक साथ आना चाहिए।
अदालत ने चांदनी चौक के रखरखाव के लिए रूपरेखा तैयार करने के वास्ते नगर प्रशासन के 'सर्वोच्च' अधिकारियों की एक समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया और कहा कि रखरखाव की देखरेख करने वाली मौजूदा समिति ठीक से काम नहीं कर रही है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि वर्तमान समिति ठीक से काम नहीं कर रही है। केवल बैठकें करना और इसके निर्णयों को लागू न करना नहीं चलेगा। हमें न केवल दुकानदारों के अस्तित्व को बचाना है, बल्कि चांदनी चौक की अवधारणा को भी बचाना है। यह हमारी विरासत है। इसलिए सभी को साथ आना चाहिए। केवल एजेंसियों पर निर्भर रहने से काम नहीं चलेगा।’’
इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।