भारत में भगदड़ की प्रमुख घटनाएं

भारत में भगदड़ की प्रमुख घटनाएं

नयी दिल्ली, 16 फरवरी (भाषा) नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात में मची भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ की यह घटना उस समय हुई जब महाकुंभ जाने के लिए बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पर इकट्ठा हुए थे।

इस दुखद घटना के पहले भी भगदड़ के कारण अनेक लोग हताहत हुए हैं। कुछ सप्ताह पहले प्रयागराज में महाकुंभ में भी भगदड़ मची थी। 29 जनवरी को महाकुंभ के संगम क्षेत्र में भगदड़ में 30 लोग मारे गए और 60 घायल हो गए, जब श्रद्धालु मौनी अमावस्या के अवसर पर स्नान करने के लिए इकट्ठा हुए थे।

पिछले साल दो जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई थी जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।

इसी प्रकार, 2005 में महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में 340 से अधिक श्रद्धालु मारे गए तथा 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में कम से कम 250 श्रद्धालु मारे गए। 2008 में हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में एक धार्मिक सभा में भगदड़ मचने से 162 लोगों की जान चली गई।

हाल के वर्षों में देश में हुईं ऐसी प्रमुख त्रासदियों की यहां जानकारी दी गई है।

-दो जुलाई 2024: उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू भोले बाबा उर्फ ​नारायण साकार हरि द्वारा आयोजित 'सत्संग' में भगदड़ मचने से महिलाओं और बच्चों सहित 100 से अधिक लोग मारे गए।

-31 मार्च, 2023: इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन 'बावड़ी' या कुएं के ऊपर बने स्लैब के ढह जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई।

-एक जनवरी, 2022: जम्मू-कश्मीर में प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए।

-14 जुलाई, 2015: आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में 'पुष्करम' उत्सव के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मचने से 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।

-तीन अक्टूबर, 2014: दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ मचने से 32 लोग मारे गए और 26 अन्य जख्मी हो गए।

-13 अक्टूबर, 2013: मध्यप्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 115 लोग मारे गए और 100 से ज़्यादा घायल हो गए। भगदड़ की शुरुआत इस अफवाह के कारण हुई कि श्रद्धालु जिस नदी के पुल को पार कर रहे थे, वह टूटने वाला है।

-19 नवम्बर, 2012: पटना में गंगा नदी के तट पर अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से मची भगदड़ में लगभग 20 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।

- आठ नवम्बर, 2011: हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर-की-पौड़ी घाट पर भगदड़ में कम से कम 20 लोग मारे गए।

-14 जनवरी 2011: केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में एक जीप के तीर्थयात्रियों को टक्कर मार देने के कारण मची भगदड़ में सबरीमला के कम से कम 104 श्रद्धालु मारे गए और 40 से अधिक घायल हो गए।

-चार मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ में लगभग 63 लोग मारे गए। लोग स्वयंभू बाबा से मुफ्त कपड़े और भोजन लेने के लिए एकत्र हुए थे।

-30 सितम्बर, 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह के कारण मची भगदड़ में लगभग 250 श्रद्धालु मारे गए और 60 से अधिक घायल हो गए।

-तीन अगस्त, 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान खिसकने की अफवाह के कारण मची भगदड़ में 162 लोग मारे गए, 47 घायल हुए।

-25 जनवरी, 2005: महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालुओं की कुचल जाने की वजह से मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए। यह दुर्घटना उस समय घटित हुई जब कुछ श्रद्धालुओं द्वारा नारियल तोड़ने के कारण सीढ़ियों पर फिसलन हो गई और लोग गिर गए।

-27 अगस्त, 2003: महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान भगदड़ में 39 लोग मारे गए और लगभग 140 घायल हो गए।

 

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